झारखंड में रेल हादसा: दीवार तोड़ खड़ी ट्रेन से टकराई मालगाड़ी, मची अफरा-तफरी Bihar News: बिहार में वोटिंग के बाद पुलिस का फ्लैग मार्च, जिला प्रशासन ने आम लोगों से की यह अपील Bihar News: बिहार में वोटिंग के बाद पुलिस का फ्लैग मार्च, जिला प्रशासन ने आम लोगों से की यह अपील Bihar Election 2025: पावर स्टार पवन सिंह की पत्नी ज्योति सिंह के खिलाफ केस दर्ज, जानिए.. क्या है मामला? Bihar Election 2025: पावर स्टार पवन सिंह की पत्नी ज्योति सिंह के खिलाफ केस दर्ज, जानिए.. क्या है मामला? पटना में गोल इंटरनेशनल स्कूल का भव्य शुभारंभ, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा में नए युग की शुरुआत Air India Express bomb threat: एअर इंडिया एक्सप्रेस की फ्लाइट में बम की धमकी, विमान की कराई गई इमरजेंसी लैंडिग; एयरपोर्ट पर अलर्ट Air India Express bomb threat: एअर इंडिया एक्सप्रेस की फ्लाइट में बम की धमकी, विमान की कराई गई इमरजेंसी लैंडिग; एयरपोर्ट पर अलर्ट अरवल में DM अभिलाषा शर्मा ने मतगणना केन्द्र का किया निरीक्षण, स्ट्रांग रूम की सुरक्षा व्यवस्था का भी लिया जायजा Bihar Crime News: अवैध हथियारों के खिलाफ बिहार STF का बड़ा एक्शन, पांच गिरफ्तार; भारी मात्रा में हथियार बरामद
1st Bihar Published by: Updated Thu, 26 Aug 2021 07:08:36 AM IST
- फ़ोटो
PATNA : बिहार में बेलगाम अफसरशाही के आरोपों के बीच अब माननीय को पूरा सम्मान मिलेगा। सांसद और विधानमंडल के सदस्यों को सम्मान देने को लेकर एक बार फिर सरकार के स्तर से आदेश जारी किया गया है। खासतौर पर सरकारी आयोजनों और मुख्यमंत्री और अन्य माननीयों द्वारा उद्घाटन-शिलान्यास के कार्यक्रमों में स्थानीय सांसद, विधायक, विधान पार्षद को आमंत्रित करना अब जरूरी होगा। माननीयों को ना केवल आमंत्रित किया जाएगा बल्कि समारोह में उनके लिए सम्मानजनक स्थान भी आरक्षित रहेगा। मुख्य सचिव त्रिपुरारि शरण ने सभी विभागों के प्रमुख के साथ डीजीपी, कमिश्नर और डीएम को इस बाबत बुधवार को पत्र लिखा है।
मुख्य सचिव ने कहा है कि सांसदों और विधानमंडल के सदस्यों के साथ शिष्टतापूर्ण और सम्मानजनक व्यवहार करने और राज्य में आयोजित समारोह या बैठकों में स्थान आरक्षित रखने को लेकर पहले से ही संकल्प जारी है। साथ ही माननीयों की तरफ से बताई गई समस्याओं का सम्मानजनक समाधन किए जाने के संबंध में भी विस्तृत मार्गदर्शन दिया गया है। वहीं, जनवरी 2018 में जारी निर्देशों के तहत राज्य में आयोजित राजकीय समारोह या मुख्यमंत्री और अन्य माननीयों द्वारा किए जानेवाले शिलान्यास व उद्घाटन जैसे समारोह में स्थानीय सांसद व विधानमंडल के सदस्यों को निश्चित रूप से आमंत्रित करना है।
माननीयों के लिए वहां सम्मानजनक स्थान भी आरक्षित रखना है। बावजूद इसके कुछ मामलों में देखा गया है कि ऐसे समारोह में स्थानीय सांसदों और विधानमंडल सदस्यों को आमंत्रित नहीं किया गया और कई मौकों पर सम्मानजनक स्थान नहीं दिया गया। मुख्य सचिव ने ऐसे किसी समारोह में स्थानीय सांसद और विधानमंडल के सदस्यों को निश्चित रूप से आमंत्रित करने के साथ उनके लिए सम्मानजनक स्थान आरक्षित रखने का निर्देश देते हुए इसे सुनिश्चित करने को कहा है। माना जा रहा है कि सरकार के इस आदेश के बाद अब बिहार में जनप्रतिनिधियों की तरफ से अफसरशाही को लेकर लगने वाले आरोपों में कमी आएगी।