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1st Bihar Published by: Updated Sat, 23 Jul 2022 03:59:21 PM IST
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PATNA : राजधानी पटना के फुलवारीशरीफ मॉड्यूल के पकड़ में आने के बाद अब केंद्रीय एजेंसियां लगातार इस मॉड्यूल से जुड़ी जांच को आगे बढ़ा रही हैं। देश की खुफिया एजेंसी इससे नेटवर्क के तार जोड़ने में जुटी हुई है। इस पूरे मॉड्यूल को लेकर जो नई जानकारी सामने आ रही है वह बेहद चौंकाने वाली है। पिछले दिनों केंद्र सरकार ने सेना बहाली को लेकर अग्निपथ योजना लागू की थी। इसके बाद बिहार में अग्निपथ योजना के खिलाफ जमकर हिंसक आंदोलन देखने को मिला था। इस पूरे विरोध प्रदर्शन के दौरान बिहार में कई ट्रेनों को आग के हवाले कर दिया गया था। तब सबकों इस मामले में बहुत अचरज भी हुआ था कि आखिर युवाओं का यह आंदोलन इतना उग्र कैसे हो गया।
लेकिन अब फुलवारी शरीफ से पीएफआई कनेक्शन के सामने आने के बाद जांच एजेंसियों को एक नई जानकारी मिली है। यह जानकारी बेहद चौंकाने वाली है। सूत्रों की माने तो जांच एजेंसियों के पास यह इनपुट मिला है कि अग्निपथ योजना के दौरान हिंसक आंदोलन के पीछे इन संगठनों का हाथ हो सकता है। पीएफआई जैसे संगठनों की भूमिका अग्निपथ आंदोलन को हिंसक रूप देने में हो सकती है। अब केंद्रीय एजेंसियां इसे लेकर छानबीन में जुटी हुई है। पीएफआई नेटवर्क से जुड़े ऐसे व्हाट्सएप ग्रुप को खंगाला जा रहा है जिस व्हाट्सएप ग्रुप में अग्निपथ आंदोलन के समर्थन और सरकार के विरोध में कंटेंट शेयर किया गया।
फुलवारीशरीफ मॉड्यूल के तहत काम करने वाले संगठन और आतंकी कनेक्शन वाले लोगों को कमीशन भारत को 2047 तक इस्लामिक राष्ट्र बनाने का था। इसके लिए बाजार तक खुरासान डायरी क्रिएट की गई थी। खुरासान मॉड्यूल पर काम करते हुए पीएफआई जैसे संगठन से जुड़े लोगों ने बिहार में फुलवारी शरीफ से मॉडल को क्रिएट कर दिया। लेकिन इस मॉडल ने बेहद शातिर आना तरीके से केंद्र सरकार के खिलाफ आंदोलन और विरोध प्रदर्शन को बैकअप देने की रणनीति बना रखी थी। जो मोदी सरकार के लिए परेशानी का सबब बने। अग्नीपथ योजना को लेकर युवाओं के मन में जो आक्रोश था उसका फायदा भी इस संगठन ने उठाया। इस बात की आशंका जताई जा रही है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार टैलेंट सर्च के नाम पर फंडिग होती है।