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बिहार में स्वास्थ्य व्यवस्था की बदहाली: गंभीर मरीज को नहीं मिली एम्बुलेंस, इलाज के अभाव में तड़पकर हुई मौत; खोखले साबित हो रहे तेजस्वी के दावे

1st Bihar Published by: DEEPAK RAJ Updated Mon, 16 Oct 2023 01:07:32 PM IST

बिहार में स्वास्थ्य व्यवस्था की बदहाली: गंभीर मरीज को नहीं मिली एम्बुलेंस, इलाज के अभाव में तड़पकर हुई मौत; खोखले साबित हो रहे तेजस्वी के दावे

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BAGAHA: बिहार के डिप्टी सीएम के साथ साथ स्वास्थ्य मंत्री का दायित्व संभाल रहे तेजस्वी यादव के दावे खोखले साबित हो रहे हैं और स्वास्थ्य व्यवस्था की बदहाली दूर होने का नाम नहीं ले रही है। ताजा मामला पश्चिम चंपारण के बगहा से सामने आया है, जहां एंबुलेंस नहीं मिलने के कारण इलाज के अभाव में एक गंभीर मरीज की तड़प तड़पकर मौत हो गई।


दरअसल, बिहार में एनडीए की सरकार बदली और सत्ता पर महागठबंधन की सरकार काबिज हुई। तेजस्वी यादव बिहार के डिप्टी सीएम बने और इसके साथ ही साथ स्वास्थ्य मंत्री के साथ साथ अन्य विभागों के मंत्री का प्रभार भी उन्हें मिला। स्वास्थ्य मंत्री बनने के बाद तेजस्वी यादव ने दावा किया कि वे बिहार के लोगों को विश्वस्तरीय स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध कराएंगे। सरकार बदले करीब सवा साल का समय बीत गया लेकिन बिहार में स्वास्थ्य व्यवस्था की बदहाली दूर नहीं हुई।


इस बीच तेजस्वी यादव एक्टिव हुए तो जरूर थे और डॉक्टरों के खिलाफ एक्शन भी लिया लेकिन बिहार के डॉक्टरों ने तेजस्वी की सारी हेकड़ी निकाल दी और तेजस्वी यादव डॉक्टरों के खिलाफ एक्शन लेना तो दूर उनके खिलाफ बोलने से भी परहेज करने लगे लिहाजा हालात जस के तस बने रहे और तेजस्वी के सारे दावे हवा हवाई साबित हो गए। आए दिन राज्य के अलग- अलग जिलों से स्वास्थ्य व्यवस्था की बदहाली की तस्वीरें सामने आती रहती हैं, जो बिहार की स्वास्थ्य व्यवस्था की जमीनी हकीकत बताने के लिए काफी होती हैं। ताजा मामला पश्चिम चंपारण से सामने आया है।


पूरा मामला बगहा अनुमंडलीय अस्पताल का है, नगर थाना क्षेत्र के छोटकीपट्टी निवासी जगत साह को  पैरालाइसिस अटैक के बाद गंभीर हालत में भर्ती कराया गया था। डॉक्टरों ने मरीज की गंभीर हालत को देखते हुए दूसरे अस्पताल रेफर कर दिया। रेफर होने के बाद मरीज को एम्बुलेंस नसीब नहीं हो सका। कई बार सूचना दिए जाने के बाद एक घंटे से अधिक समय तक एम्बुलेंस नहीं पहुंची और मरीज की तड़प- तड़पकर मौत हो गई। अस्पताल के डॉक्टरों का कहना था कि मरीज को अगर समय से एम्बुलेंस मिल गई होती तो शायद उसकी जान बच सकती थी। अब मरीज के परिजन बिहार की स्वास्थ्य व्यवस्था पर सवाल उठा रहे हैं।