ब्रेकिंग न्यूज़

Bihar News: बिहार के इन जिलों में इंडस्ट्रियल हब का निर्माण, रोजगार की आने वाली है बाढ़.. Bihar News: बिहार के इन जिलों में एयरपोर्ट का निर्माण, गया हवाई अड्डे को बनाया जाएगा इस मामले में खास.. ISM पटना में व्याख्यान का आयोजन: इसके माध्यम से युवाओं को मिला लैंगिक संवेदनशीलता का संदेश Bihar Cabinet Meeting: नीतीश कैबिनेट का बड़ा फैसला...इस विभाग में 459 लिपिक की होगी बहाली..इन आंदोलनकारियों की पेंशन राशि में भारी वृद्धि अररिया में लूट की कोशिश नाकाम: एक्सीडेंट में घायल हुए दो बदमाश, ग्रामीणों ने हथियार के साथ पकड़ा Bihar Education News: 1st Bihar की खबर का बड़ा असर, भ्रष्टाचार में लिप्त A.E. की सेवा होगी समाप्त.. शिक्षा विभाग को भेजा गया प्रस्ताव, करप्शन की जांच के लिए 3 सदस्यीय कमेटी Patna News: पटना में स्वतंत्रता दिवस पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम, ड्रोन से होगी निगरानी Patna News: पटना में गंदगी फैलाने वालों पर होगी कड़ी कार्रवाई, इस दिन से अभियान शुरू Janmashtami 2025: जन्माष्टमी पर क्यों तोड़ी जाती है दही हांडी? जानिए... इस परंपरा का इतिहास और महत्व Bihar News: बिहार में मिला इतने हजार करोड़ का खनिज, खजाने की ई-नीलामी की तैयारी में जुटी केंद्र सरकार

बिहार में एम्बुलेंस से ढोया जा रहा है सड़कों की मरम्मत का सामान, मरीज की जगह मजदूर होते हैं सवार

1st Bihar Published by: Updated Wed, 29 Dec 2021 03:27:29 PM IST

बिहार में एम्बुलेंस से ढोया जा रहा है सड़कों की मरम्मत का सामान, मरीज की जगह मजदूर होते हैं सवार

- फ़ोटो

SUPAUL: बिहार में मरीजों की जगह एम्बुलेंस से बालू-सीमेंट,पेंट और मजदूर ढोए जा रहे हैं। सड़क मरम्मत के काम में पथ निर्माण विभाग ने एम्बुलेंस को लगाया है। हालांकि एंबुलेंस की जबावदेही से विभाग ने पल्ला झाड़ लिया है।


दरअसल पथ निर्माण विभाग के नाम की एंबुलेंस पर पेंट और सड़क मरम्मत का सामान लदा हुआ था। सिंहेश्वर-सुपौल SH-66 के कुम्हैट पुल पर कुछ मजदूर पिलर की पेंटिंग करते दिखे थे। उस वक्त पेंट और मरम्मत की सामग्रियां एंबुलेंस में रखी हुई थी। जब पिलर की पेंटिग कर रहे मजदूरों से इस संबंध में पूछा गया तो उन्होंने किसी तरह का जवाब नहीं दिया लेकिन एम्बुलेंस के ड्राइवर ने यह बताया कि पिछले दो महीने में उसने अब तक किसी भी घायल व्यक्ति को इस एंबुलेंस से अस्पताल नहीं पहुंचाया है। 


ऐसे में यह समझा जा सकता है कि जिस मकसद को लेकर एम्बुलेंस की खरीदारी की गयी थी उसका सही उपयोग नहीं हो रहा है। खुद एम्बुलेंस का ड्राइवर ही बता रहा है कि उसने एम्बुलेंस से अभी तक किसी भी व्यक्ति को अस्पताल तक नहीं पहुंचाया है। एम्बुलेंस के ड्राइवर की बात हैरान करने वाली है।    


इस संबंध में जब पथ निर्माण विभाग के ईई योगेंद्र कुमार से बात की गयी तो उन्होंने बताया कि विभाग द्वारा दी गई एंबुलेंस एजेंसी के पास रहती है। सड़क हादसे में घायल लोगों को नियमित रूप से इसी एंबुलेंस से अस्पताल तक पहुंचाया जाता है। जबकि सड़क मरम्मत के लिए अलग तरह की एंबुलेंस होती है।


बता दें कि सड़कों पर होने वाले हादसे में घायल को तत्काल हॉस्पिटल तक ले जाने के लिए एम्बुलेंस मुहैया कराई गयी है। सुपौल जिले में पथ निर्माण विभाग की 3 एंबुलेंस है। लेकिन इन एंबुलेंस से आज तक किसी घायल को अस्पताल नहीं ले जाया गया है। पथ निर्माण विभाग एम्बुलेंस नहीं चलाता है बल्कि तीन एंबुलेंस को विभाग ने एजेंसी को दे दिया है। उदयकांत झा कंस्ट्रक्शन कंपनी, केडी कंपनी और साईं इंडिकोम कंपनी को यह एम्बुलेंस उपलब्ध कराया गया है। अब इन एम्बुलेंस को सड़कों की मरम्मत के काम में लगा दिया गया है। आश्चर्य की बात तो यह है कि इस एम्बुलेंस के लिए किस नंबर पर कॉल करेंगे यह लोगों को भी पता नहीं है और ना ही अस्पताल प्रशासन को ही इसकी जानकारी है।


केडी कंपनी की एम्बुलेंस के द्वारा सड़कों को पेंट करने का सामान और मजदूरों को ढोने का काम किया जा रहा है। हैरानी की बात यह है कि पथ निर्माण विभाग अभी भी यह दावा कर रहा है कि उनके विभाग से मुहैया कराई गई एंबुलेंस से सड़क हादसे में घायल लोगों को अस्पताल तक पहुंचाने का काम किया जा रहा है। 


डीएचएस के लेखा पदाधिकारी डॉ. अमित आनंद का कहना है कि पथ निर्माण विभाग के किसी भी एंबुलेंस के संबंध में विभाग को जानकारी नहीं है। उन्होंने बताया कि कोरोनाकाल में डीएम के आदेश पर पथ निर्माण विभाग से छातापुर पीएचसी को दस दिनों के लिए एंबुलेंस दी गई थी। इसके ज्यादा उन्हें जानकारी नहीं है। एंबुलेंस खरीदने और उसके मेंटनेंस की राशि एमबीडी में दी जाती है। एंबुलेंस सड़क निर्माण एजेंसी खरीदती है और उसका रख-रखाव भी वही करती है। वही विभाग ने सिविल सर्जन कार्यालय को एंबुलेंस चालकों और सड़क निर्माण एजेंसी का मोबाइल नंबर उपलब्ध करा दिया है।