ब्रेकिंग न्यूज़

ISM पटना में छात्र परिषद शपथ ग्रहण समारोह, 17 छात्र प्रतिनिधियों ने ली बड़ी जिम्मेदारी SAHARSA: मणिकांत हत्याकांड का मुख्य आरोपी गिरफ्तार, दो ने कोर्ट में किया सरेंडर बिहटा चेन स्नैचिंग कांड का खुलासा, चार आरोपी गिरफ्तार PURNEA: जानकीनगर पुलिस ने 12 घंटे में चोरी की घटना का किया खुलासा, दो गिरफ्तार बड़हरा की तीर्थ यात्रा पहल को नई गति, नथमलपुर से अयोध्या के लिए रवाना हुआ श्रद्धालुओं का जत्था विद्या विहार विद्यालय में अलंकरण समारोह, पूर्व छात्र IPS प्रवीन प्रकाश बने मुख्य अतिथि चुनाव से पहले एसपी का निरीक्षण, मीरगंज में सुरक्षा और प्रशासनिक तैयारियों की समीक्षा Bihar Politics: ‘वोट चोरी से प्रधानमंत्री बनें हैं नरेंद्र मोदी’ आरजेडी सांसद संजय यादव का बड़ा हमला हैदराबाद में सनातन महाकुंभ: सिंदूर महायज्ञ का हुआ आयोजन Bihar News: बिहार में यहां बनने जा रहीं दो फोरलेन सड़कें, पथ निर्माण विभाग ने भेजा डीपीआर; खर्च होंगे 201 करोड़

बिहार में चार साल से अटका है अफसर-कर्मियों के प्रमोशन, विशेष सचिव और अपर सचिव के खाली पड़े हैं पद; SC में दायर हुआ हलफनामा

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Thu, 07 Sep 2023 07:07:10 AM IST

बिहार में चार साल से अटका है अफसर-कर्मियों के प्रमोशन, विशेष सचिव और अपर सचिव के खाली पड़े हैं पद; SC में दायर हुआ हलफनामा

- फ़ोटो

PATNA : बिहार सरकार में काफी लंबे समय से प्रमोशन का इंतजार कर रहे अधिकारियों के लिए यह काफी काम की खबर है। राज्य के अंदर विशेष सचिव,अपर सचिव,संयुक्त सचिव,एडीएम और उप-सचिव के खाली पड़े पदों को प्रोन्नति से भरे जाने हैं। लेकिन, राज्य में सभी कैडरों के कर्मियों की प्रोन्नति (प्रमोशन) अप्रैल 2019 से बंद है। इसका प्रमुख कारण है कि मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में पिछले 4 वर्षों से चल रही है।


दरअसल,  बिहार सरकार के सभी कैडरों के कर्मियों की प्रोन्नति (प्रमोशन) अप्रैल 2019 से बंद है। इसकी वजह है कि इस मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में चल रही है और अभी तक इस मामले में अंतिम फैसला नहीं आया है। हालांकि,कुछ दिनों पहले नीतीश सरकार ने सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष आईए (इंटरलोकेटरी एप्लीकेशन) दायर करके इस केस को समाप्त करने का अनुरोध किया था ताकि लंबित प्रोन्नति को शुरू किया जा सके। लेकिन, विरोधी पक्ष एससी-एसटी कर्मी संघ की वकील ने इस आईए का विरोध करते हुए सुप्रीम कोर्ट से पूरे मामले की सुनवाई करने की अपील की। इस पर सर्वोच्च न्यायालय ने पूरे मामले की सुनवाई अंत तक करके अंतिम निर्णय देने की बात कही है।


वही, इसके बाद अब जो जानकारी निकल कर सामने आ रही है उसके मुताबिक अब राज्य सरकार ने इस मामले में फिर से हलफनामा दायर कर मामले की सुनवाई जल्द पूरी करने का अनुरोध किया है। इसके साथ ही सरकार ने एससी-एसटी वर्ग के कर्मियों को 16 फीसदी प्रतिनिधित्व देने से संबंधित पूरा आंकड़ा भी प्रस्तुत किया है। इस हलफनामे में सरकार ने यह भी कहा है कि प्रोन्नति शुरू नहीं होने के कारण इसके माध्यम से भरने जाने वाले अधिकतर पद खाली हो गए हैं। 


बिहार सरकार ने कहा है कि, सरकारी महमकों में प्रोन्नति की प्रक्रिया इतने लंबे समय से बंद होने की वजह से अधिकतर विभागों में प्रमोशन से भरे जाने वाले पद खाली होते जा रहे हैं। इन चार वर्षों से अधिक समय के दरम्यान दो हजार से अधिक कर्मी सेवानिवृत्त हो गए हैं। इस कारण अधिकतर विभागों में प्रमोशन से भरे जाने वाले उच्च श्रेणी के पद पूरी तरह से खाली हो गए हैं। इसके अलावा नियमित सरकारी कर्मियों को सेवाकाल के दौरान हर 10 साल पर मिलने वाली एमएसीपी (मॉडिफायड एश्योर कॉरियर प्रोमोशन) का लाभ भी सही तरीके से नहीं मिल रहा है। जो नई बहाली भी हो रही है, उनकी प्रोन्नति भी प्रभावित हो जाएगी।


मालूम हो कि, राज्य में प्रोन्नति से भरे जाने वाले पद जो वर्तमान में खाली हैं उनकी संख्या यदि हम बिहार प्रशासनिक सेवा में देखें तो विशेष सचिव- 24 में सभी खाली, अपर सचिव- 48 में सिर्फ 1 भरे, 47 खाली, संयुक्त सचिव- 192 में 9 भरे,183 खाली,एडीएम- 304 में 123 भरे,181 खाली और उप-सचिव- 339 में 233 भरे, 106 खाली हैं। वहीं, बिहार सचिवालय सेवा के पद की बात करें तो निदेशक (संयुक्त सचिव स्तर) - 16 पद में सभी खाली, उप सचिव- 102 में सभी खाली, अवर सचिव- 312 में सभी खाली,प्रशाखा पदाधिकारी- 1030 में 275 भरे, 755 खाली और सचिवालय सहायक- 3920 स्वीकृत पद में 2421 खाली हैं। 


इधर, सरकार ने बाधा दूर करने के लिए संविदा पर फिर से रिटायर्ड कर्मियों को बहाल करने और कुछ विभागों में कार्यकारी प्रभार देने जैसी व्यवस्था की है, लेकिन ये नाकाफी साबित हो रहे हैं। इस मामले को लेकर कई कर्मचारी संगठनों ने सरकार को अनेक बार पत्र लिखकर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने तक औपबंधिक प्रोन्नति देने की मांग की है।