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1st Bihar Published by: Updated Wed, 12 May 2021 09:43:06 AM IST
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PATNA : एक तरफ बिहार कोरोना संक्रमण से जूझ रहा है तो वहीं दूसरी तरफ खतरनाक ब्लैक फंगस ने दस्तक दे दी है. राजधानी पटना में इसके 5 मरीजों की पहचान की गई है. AIIMS में 4 और IGIMS में भर्ती एक मरीज में ब्लैक फंगस मिला है. इधर पटना के अलावा दिल्ली, महाराष्ट्र, गुजरात और मध्य प्रदेश के बाद बिहार में ब्लैक फंगस ने चिंता बढ़ा दी है. कोरोना को मात देने वालों में इसका अटैक देखने को मिलता है. ब्लैक फंगस नाक, आंख, दिमाग पर सीधा हमला करता है. कई मामलों में तो संक्रमितों की आंखें तक निकालनी पड़ती हैं. ब्लैक फंगस में मृत्यु की दर 50% है. डॉक्टरों का कहना है कि ब्लैक फंगस कोशिकाओं को नष्ट करने के साथ रोगी की हड्डियां तक गला देता है.
AIIMS के डॉक्टर बताते हैं कि कोरोना के कारण बिना किसी डॉक्टर के सलाह के स्टेरॉयड लेना ब्लैक फंगस का कारण बन सकता है. कोरोना काल में संक्रमण के कारण अचानक से ऐसे मामले बढ़े हैं. इसमें शुगर हाई होना, स्टेरॉयड का हाईडोज लेना, बिना एक्सपर्ट की निगरानी के डेक्सोना जैसे स्टेरॉयड की हाई डोज लेना बड़ा कारण बन सकता है. ब्लैक फंगस के लिए यह बड़ा कारण हो सकता है. पटना AIIMS के डॉक्टरों की मानें तो ब्लैक फंगस का संक्रमण काफी खतरनाक होता है.
ब्लैक फंगस से बचाव के उपाय
डॉक्टरों का कहना है कि म्यूकर माइकोसिस को ही ब्लैक फंगस कहते हैं. पटना में जिन 5 संक्रमितों में यह पाया गया है उसमें 4 AIIMS और एक IGIMS में है. इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान में भर्ती संक्रमित की हालत गंभीर बताई जा रही है. मरीज को ICU में विशेष निगरानी में रखा गया है. डॉक्टर का कहना है कि ऐसे मरीजों पर जान का खतरा अधिक होता है इस कारण से विशेष निगरानी की जाती है. यह कोरोना संक्रमितों के साथ वायरस को हरा चुके लोगों में भी इसका इफेक्ट देख जा रहा है. डॉक्टरों का कहना है कि नाक बंद होना या सूख जाना, आंखों में सूजन और दर्द होना, पलकों का गिरे रहना या फिर पलकों में ताकत नहीं लगना या आंखों से धुंधला दिखाई देना ही ब्लैक फंगस का मुख्य लक्षण है.