बाढ़ पीड़ितों के लिए भोजपुर के बड़हरा में भोजन वितरण और सामुदायिक किचन का पांचवां दिन Bihar News: बिहार के इन 46 प्रखंडों में खुलेंगे नए प्रदूषण जांच केंद्र, बिहार सरकार दे रही इतनी सब्सिडी Bihar News: बिहार के इन 46 प्रखंडों में खुलेंगे नए प्रदूषण जांच केंद्र, बिहार सरकार दे रही इतनी सब्सिडी Bihar Police News: बिहार के इस जिले के 24 थानों में नये थानाध्यक्षों की तैनाती, SSP के आदेश पर बड़ा फेरबदल Bihar Police News: बिहार के इस जिले के 24 थानों में नये थानाध्यक्षों की तैनाती, SSP के आदेश पर बड़ा फेरबदल Vaishali-Encounter: मारा गया कुख्यात अपराधी, पुलिस के साथ मुठभेड़ में हुआ ढेर--एसटीएफ का एक जवान घायल Bihar Crime News: बिहार में भूमि विवाद सुलझाने पहुंची पुलिस टीम पर हमला, डायल 112 के जवानों ने भागकर बचाई जान; 18 लोगों पर केस दर्ज बिहार में जीविका योजना से बदली महिलाओं की जिंदगी, 57 हजार करोड़ का मिला ऋण Bihar Politics: ‘नीतीश कुमार का विकास शहरों तक ही सीमित’ चचरी पुल के उद्घाटन के मौके पर बोले मुकेश सहनी Bihar Politics: ‘नीतीश कुमार का विकास शहरों तक ही सीमित’ चचरी पुल के उद्घाटन के मौके पर बोले मुकेश सहनी
1st Bihar Published by: Updated Fri, 16 Dec 2022 02:37:17 PM IST
- फ़ोटो
DELHI: बिहार के छपरा में जहरीली शराब से करीब 60 लोगों की मौत का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है. सर्वोच्च न्यायालय में याचिका दायर कर इस मामले की जांच स्वतंत्र एसआईटी यानि विशेष जांच दल से कराने की मांग की गयी .
शुक्रवार को चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया डीवाई चंद्रचूड़ की बेंच में इस मामले को उठाया गया. हालांकि सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने तत्काल इस मामले की सुनवाई करने से इंकार कर दिया. कोर्ट ने कहा कि आज जिन केस की सुनवाई होनी है उसकी सूची में ये मामला शामिल नहीं है. चीफ जस्टिस ने कहा-अगर ये मामला इतना महत्वपूर्ण है तो आपको इसे लिस्टेड कराना चाहिये. मेरे कोर्ट में अनुशासन बहुत महत्वपूर्ण है, इसलिए सॉरी.
सुप्रीम कोर्ट में ये याचिका आर्यावर्त महासभा फाउंडेशन ने दायर की है. याचिका में कहा है कि अवैध शराब के निर्माण, व्यापार औऱ बेचने पर राष्ट्रीय स्तर पर एक्शन प्लान बनाना चाहिये. इस याचिका में मांग की गयी है कि बिहार में जहरीली शराब पीने से मरने वाले लोगों के परिजनों को मुआवजा दिया जाना चाहिये. क्योंकि सरकार की लापरवाही के कारण ये घटना हुई है.
याचिका दायर करने वाले की ओर से कहा गया है कि बिहार में 2016 से ही पूर्ण शराबबंदी है. उस समय से राज्य सरकार शराबबंदी को अमल में लाने में पूरी तरह से फेल रही है. इसका खामियाजा आम लोगों को भुगतना पड़ रहा है. एक बार फिर जहरीली शराब पीने से इतने सारे लोगों की मौत हुई है. इसलिए सुप्रीम कोर्ट को इसकी जांच स्वतंत्र एसआईटी से कराना चाहिये. जांच के आधार पर जिम्मेवार लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिये.