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1st Bihar Published by: Updated Mon, 11 Jan 2021 01:45:59 PM IST
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PATNA : बिहार में इन दिनों जमीन के दाखिल ख़ारिज कराने का काम बिलकुल कछुआ की चाल में रेंग रहा है. ऑनलाइन व्यवस्था होने के बावजूद भी म्यूटेशन के लिए लोगों को काफी इंतजार करना पड़ रहा है. याचिकाओं की संख्या तो बढ़ गई लेकिन समय पर निष्पादन नहीं हो पा रहा है. रिपोर्ट के मुताबिक 100 में से 5 लोगों का भी काम अधिकारी समय पर पूरा नहीं कर पा रहे हैं.
बिहार में दाखिल-खारिज के आवेदन में केवल 3.46 प्रतिशत का ही निष्पादन समय पर हो पाया है. यह आंकड़ा पिछले साल 1 दिसंबर तक का है. खुद विभाग की समीक्षा बैठक में यह खुलासा हुआ है कि आख़िरकार अधिकारी कर क्या रहे हैं. इस बात का भी खुलासा हुआ है कि ऑनलाइन म्यूटेशन का निपटारा हो भी जाता है तो कर्मी जान-बूझकर त्रुटि छोड़ देते हैं. कभी नाम गलत तो कभी खाता संख्या गलत चढ़ा देते हैं. हालांकि इसके लिए सरकार ने सुधार की अलग ऑनलाइन व्यवस्था की है.
हम आपको बता दें कि बिहार में जमीन के दाखिल ख़ारिज कराने को लेकर राज्य के सभी अंचलों को ऑनलाइन व्यवस्था से जोड़ दिया गया है. एक रिपोर्ट के मुताबिक 2017-18 में जब व्यवस्था मैनुअल थी तो म्यूटेशन के लिए 13 लाख 41 हजार 734 याचिकाएं दायर की गई थी.
साल 2019-20 में जब व्यवस्था पूरी तरह ऑनलाइन हो गई तो याचिकाओं की संख्या 20 लाख 25 हजार 391 हो गई. पिछले साल 1 दिसम्बर 2020 तक याचिकाओं की संख्या 40 लाख 71 हजार 908 हो गई. इनमें निष्पादन 76.64 फीसदी आवेदनों का हो गया. लेकिन अधिसंख्य आवेदन का निपटारा तय समय के बाद हुआ.