Bihar News: बिहार में JDU कार्यालय के बाहर मारपीट से मचा बवाल, कांग्रेस ने लगाए गंभीर आरोप Bihar Election 2025 : दूसरे चरण में BJP के 53 उम्मीदवारों के भाग्य का होगा फैसला, दिग्गजों ने चुनाव प्रचार में झोकी पूरी ताकत Bihar News: बिहार में इस पार्टी के लिए वोट जुटाने वाले को दबंग ने घर में घुसकर पीटा; बच्चों व महिलाओं को भी बनाया अपना शिकार Patna News: मकान की छत गिरने से एक ही परिवार के 5 लोगों की मौत, इंदिरा आवास योजना से बना था घर Bihar Weather: बिहार के तापमान में गिरावट लगातार जारी, ठंड और प्रदूषण की दोहरी मार बनी चिंता का विषय Bihar Election 2025: क्या सीमांचल की 24 सीटें बदल देंगी बिहार की सियासत, दांव पर है नीतीश के मंत्री की किस्मत? Bihar Election 2025: कौन आएगा सत्ता में और किसकी पता होगा साफ? दूसरे चरण के मतदान से तय होगी बिहार की सियासत, जानें क्या हैं चुनावी समीकरण श्रेयसी सिंह के लिए जमुई में 10 किमी लंबा रोड शो, स्मृति ईरानी और अश्विनी चौबे रहे मौजूद बेतिया में विनय बिहारी को लड्डू से तौला गया, आम्रपाली दुबे-आनंद मोहन ने रोड शो कर मांगा वोट अपनी पत्नी से ज्यादा फाइलों से प्यार करते हैं अधिकारी, नितिन गडकरी ने कसा तंज, कहा..फाइलों को दबाकर ना रखें
1st Bihar Published by: Updated Tue, 25 May 2021 07:46:01 PM IST
- फ़ोटो
PATNA : कोरोना को लेकर बिहार में लगे लॉकडाउन के दौरान सरकारी कार्यालयों से गैरहाजिर रहने वाले कर्मचारियों औऱ अधिकारियों का वेतन नहीं काटा जायेगा. उन्हें मई महीने का पूरा वेतन दिया जायेगा. बिहार सरकार के वित्त विभाग ने ये आदेश जारी कर दिया है. सरकार का ये आदेश स्थायी कर्मचारियों के साथ साथ संविदा औऱ आउटसोर्सिंग पर काम करने वाले कर्मचारियों पर भी लागू होगा. वित्त विभाग ने इस आदेश को सारे ट्रेजरी में भेज दिया है.
पिछले साले के आदेश का दिया गया हवाला
दरअसल बिहार में पिछले साल कोरोना की पहली लहर के दौरान भी लॉकडाउन लगाया गया था. तब सरकार ने तय किया था कि लॉकडाउन में दफ्तर नहीं आने वाले कर्मचारियों का वेतन नहीं काटा जाये. सरकार ने कहा था कि लॉकडाउन के कारण सार्वजनिक यातायात के तमाम साधनों पर रोक लग गयी थी. इसके कारण ढेर सारे कर्मचारी ऐसे थे जिन्हें ऑफिस आने के लिए यातायात के साधन नहीं मिले. लिहाजा उनकी गैरहाजिरी के कारण वेतन नहीं काटा जाये.
सरकार ने इस साल भी उसी आदेश का हवाला देते हुए पत्र जारी किया है. यानि लॉकडाउन में कर्मचारियों की कार्यालय में उपस्थिति की अनिवार्यता को समाप्त कर दिया गया है. फिलहाल इसे सिर्फ मई महीने के लिए लागू किया गया है. इसका लाभ संविदा कर्मियों को भी मिलेगा.
पहले से गायब कर्मचारियों पर उनके प्रधान लेंगे निर्णय
हालांकि कुछ कर्मचारी ऐसे भी हैं जो लॉकडाउन के पहले से ही दफ्तर से गायब हैं. अगर लॉकडाउन के पहले वे बगैर सही मंजूरी के मुख्यालय छोड़ कर गये थे और लॉकडाउन के कारण वापस नहीं लौट पाये तो उनके वेतन पर फैसला उनके कार्यालय के प्रमुख लेंगे. वैसे सरकार ने संविदा पर काम कर रहे कर्मचारियों को एक औऱ राहत दी है. अगर लॉक़डाउन में वे बिना बताये गैर हाजिर रहे तो इस आरोप में उन्हें सेवा से नहीं हटाया जायेगा.