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1st Bihar Published by: Updated Wed, 22 Sep 2021 07:16:39 PM IST
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PATNA : इस वक्त एक बड़ी खबर पटना से सामने आ रही है. मुख्य सचिवालय में चल रही नीतीश कैबिनेट की अहम बैठक खत्म हो गई है. बैठक में 21 एजेंडों पर मुहर लगी है. इस बैठक में कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए हैं. बेगूसराय के मंझौल अनुमंडल न्यायालय की एसीजेएम संगीता रानी को अनिवार्य सेवानिवृति दे दी गई है.
बुधवार शाम को चार देशरत्न स्थित संवाद में शाम साढ़े 4 बाजे से बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई मंत्रिपरिषद की इस अहम बैठक में बेगूसराय के मंझौल अनुमंडल न्यायालय की एसीजेएम संगीता रानी जबरन रिटायरमेंट देने के प्रस्ताव पर मुहर लगी है. गौरतलब हो कि महिला जज संगीता रानी को तीन साल पहले पटना उच्च न्यायालय द्वारा कदाचार के आरोप में निलंबित कर दिया गया था. पटना में कार्यरत रहने के दौरान संगीता रानी पर कदाचार का आरोप लगा था, जिसके बाद जांचोपरांत उक्त कार्रवाई की गई थी.
आपको बता दें कि लगभग 4 वर्ष पहले जब महिला जज संगीता रानी पटना में कार्यरत थीं. तब इनकी कोर्ट में मधेपुरा सीट से तत्कालीन सांसद पप्पू यादव को पेश किया गया था. पटना पुलिस ने संगीता रानी की कोर्ट में तत्कालीन सांसद राजेश रंजन उर्फ़ पप्पू यादव को हथकड़ी लगाकर पेश किया था. सांसद होने के नाते पप्पू यादव ने हथकड़ी लगाने पर आपत्ति जताई थी. कोर्ट ने भी पटना पुलिस को इसके लिए फटकार लगाई थी.
विधि व्यवस्था के एक मामले में एक अप्रैल को मधेपुरा सांसद पप्पू यादव को हथकड़ी लगा कर कोर्ट में पेश किये जाने के मामले में पटना के तत्कालीन एसएसपी मनु महाराज ने एसआई प्रदीप, एएसआई जमालुद्दीन और नौ कांस्टेबल को निलंबित किया था. इन सभी पुलिसकर्मियों की तैनाती बेऊर जेल से आनेवाली गाड़ी और कोर्ट की सुरक्षा को लेकर की गई थी.
पप्पू यादव को 27 मार्च को गांधी मैदान थाने में दर्ज मामले में गिरफ्तार किया था और फिर एक अप्रैल को सिविल कोर्ट की जज संगीता रानी की अदालत में पेश किया गया था. उन्हें जब बेऊर जेल से लाया गया, तो गाड़ी से नीचे उतरते ही सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें हथकड़ी पहना दी और फिर संगीता रानी की कोर्ट में उपस्थित कराया गया था. हथकड़ी में सांसद को देख कोर्ट ने भी उस दिन पुलिसकर्मियों को फटकार लगाई थी.
इसके बाद मामला काफी आगे बढ़ गया. सांसद पप्पू यादव की पत्नी रंजीता रंजन ने मामले को लोकसभा में उठाया और फिर लोकसभा की तत्कालीन अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने पूरी घटना की रिपोर्ट मांगी. वहीं पप्पू यादव ने भी राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग को पत्र लिखकर दोषी पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की मांग की थी. इन तमाम बातों के बीच पटना पुलिस के एक दारोगा समेत कुल 11 पुलिसवालों पर कार्रवाई की गई और उन्हें निलंबित कर दिया गया था.