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1st Bihar Published by: First Bihar Updated Tue, 11 Nov 2025 09:59:45 AM IST
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Bihar politics : बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के दूसरे चरण में मंगलवार को मतदान जारी है और इसी चरण में सबसे चर्चित सीटों में से एक है — जहानाबाद विधानसभा क्षेत्र। यह सीट इस बार न केवल राजनीतिक विश्लेषकों के लिए बल्कि पूरे राज्य की जनता के लिए चर्चा का विषय बनी हुई है। यहां मुकाबला सीधे तौर पर जेडीयू और राजद के बीच हो गया है, और दोनों ही दलों ने अपने-अपने जातीय समीकरणों को साधने की पूरी कोशिश की है।
सुबह 9 बजे तक जहानाबाद जिले की तीनों विधानसभा सीटों — 216-जहानाबाद, 217-घोसी और 218-मखदुमपुर — पर कुल 13.81 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया है। शुरुआती घंटों में ठंड और छिटपुट बादलों के बावजूद मतदाताओं में उत्साह देखा गया। कई बूथों पर सुबह से ही लंबी कतारें लगनी शुरू हो गई थीं, खासकर महिला और युवा मतदाताओं की भागीदारी उल्लेखनीय रही।
जहानाबाद सीट पर हाईप्रोफाइल मुकाबला
जहानाबाद विधानसभा सीट इस बार बेहद हॉट सीट बन गई है। इस सीट पर जेडीयू ने अपने पुराने सहयोगी और अब पार्टी के नेता बने पूर्व सांसद को मैदान में उतारा है, जबकि राजद ने भूमिहार समुदाय से आने वाले राहुल शर्मा पर दांव खेला है। राजद का यह कदम साफ तौर पर यह संकेत देता है कि पार्टी इस बार पारंपरिक मुस्लिम-यादव समीकरण से इतर ‘भूमिहार कार्ड’ खेलकर ऊपरी जातियों में भी पैठ बनाने की कोशिश कर रही है। वहीं, जेडीयू अपने उम्मीदवार की छवि और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के विकास कार्यों के सहारे चुनाव जीतने का भरोसा जता रही है।
घोसी और मखदुमपुर में भी रोचक मुकाबला
जहानाबाद जिले की घोसी और मखदुमपुर सीटों पर भी दिलचस्प मुकाबले देखने को मिल रहे हैं। घोसी में जेडीयू और राजद के अलावा कांग्रेस और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (HAM) जैसे दल भी मैदान में हैं, जिससे मुकाबला त्रिकोणीय हो गया है। मखदुमपुर में पारंपरिक वोट बैंक का समीकरण इस बार थोड़ा बदलता दिखाई दे रहा है। यहां दलित-महादलित मतदाताओं की भूमिका अहम मानी जा रही है, जो परिणाम को निर्णायक बना सकती है।
मतदाताओं में दिखा लोकतंत्र का जोश
सुबह से ही जिले के ग्रामीण इलाकों से लेकर शहरी क्षेत्रों तक मतदान केंद्रों पर मतदाताओं की भीड़ देखने को मिली। पहली बार वोट डालने वाले युवा मतदाताओं में खासा उत्साह दिखा। जहानाबाद के कई मतदान केंद्रों पर ‘पहले मतदान, फिर जलपान’ का नारा गूंजता रहा। वहीं, सुरक्षा व्यवस्था को लेकर प्रशासन पूरी तरह अलर्ट है। जिले में अर्धसैनिक बलों की 60 से अधिक कंपनियां तैनात की गई हैं। हर बूथ पर माइक्रो ऑब्जर्वर और वेबकास्टिंग की सुविधा भी सुनिश्चित की गई है ताकि किसी भी तरह की गड़बड़ी पर तुरंत कार्रवाई हो सके।
जातीय समीकरण और स्थानीय मुद्दे बने मुख्य केंद्र
जहानाबाद की राजनीति लंबे समय से जातीय समीकरणों पर टिकी रही है। भूमिहार, यादव, कुर्मी और दलित समुदाय यहां के मुख्य मतदाता समूह हैं। राजद जहां सामाजिक न्याय और बेरोजगारी जैसे मुद्दों को लेकर प्रचार कर रही है, वहीं जेडीयू अपने शासनकाल के विकास कार्यों — सड़कों, बिजली, शिक्षा और महिला सशक्तिकरण — को अपनी उपलब्धि के रूप में गिना रही है। स्थानीय स्तर पर मतदाताओं के बीच बेरोजगारी, शिक्षक भर्ती, कृषि सहायता, और अपराध नियंत्रण जैसे विषयों पर भी चर्चाएं हावी रहीं।
वोटिंग प्रतिशत में बढ़ोतरी की उम्मीद
सुबह के शुरुआती घंटों में 13.81% मतदान के बाद प्रशासन को उम्मीद है कि दिन चढ़ने के साथ मतदान प्रतिशत में बढ़ोतरी होगी। पिछले विधानसभा चुनाव में जहानाबाद जिले में कुल 57.6% मतदान दर्ज किया गया था। इस बार आयोग को उम्मीद है कि यह आंकड़ा 60 प्रतिशत से अधिक जा सकता है।
नेताओं की नजरें जहानाबाद पर टिकीं
राजनीतिक गलियारों में जहानाबाद को इस बार ‘बेलवेदर सीट’ यानी चुनावी रुझान बताने वाली सीट के रूप में देखा जा रहा है। यहां का नतीजा यह संकेत दे सकता है कि दूसरे चरण के बाकी इलाकों में जनता का मूड किस ओर झुक रहा है। राजद नेता तेजस्वी यादव और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार दोनों ही जहानाबाद में रैलियां कर चुके हैं, और दोनों ने अपने-अपने प्रत्याशियों के लिए भावनात्मक अपील की थी।अब सबकी निगाहें इस बात पर हैं कि मतदाता इस बार जातीय राजनीति को प्राथमिकता देंगे या विकास के मुद्दे पर मतदान करेंगे।