बिहार में मोदी की सेना के सामने सुस्त रहा राहुल गांधी का प्रचार, तेजस्वी अकेले उठा रहे इंडी एल्यांस का जिम्मा

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Wed, 29 May 2024 11:12:17 AM IST

बिहार में मोदी की सेना के सामने सुस्त रहा राहुल गांधी का प्रचार, तेजस्वी अकेले उठा रहे इंडी एल्यांस का जिम्मा

- फ़ोटो

बिहार में लोकसभा चुनाव के लिए प्रचार बंद होने में दो दिन बचे हैं। ऐसे में बीजेपी और कांग्रेस के बड़े नेताओं की सभाएं लगभग खत्म ही माना जा रहा है। आज भाजपा के तरफ से राजनाथ सिंह बिहार आ रहे हैं। लेकिन, कांग्रेस के तरफ से कोई बड़ा नेता बिहार नहीं आ रहा है। इसके बाद गुरुवार को आखिरी दिन भी किसी बड़े नेता के कार्यक्रम की अब तक कोई खबर नहीं है। ऐसे में अगर बीते कल तक के प्रचार को आधार बनाकर देखें तो बीजेपी के बड़े नेताओं ने कांग्रेस के बड़े नेताओं के मुकाबले 6 गुना ज्यादा सभा और रैलियां की हैं।


दरअसल, गठबंधन के दूसरे दलों के कैंडिडेट के प्रचार में कांग्रेस का रिकॉर्ड और भी खराब है। जहां भाजपा के तरफ से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह,रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के अलावा लगभग -लगभग सभी टॉप लीडरशिप ने बिहार में 52 सभाएं की हैं। वहीं, कांग्रेस के तरफ से महज कुल 9 चुनावी जनसभा हुई है। जिसमें महज दो बार ही राहुल गांधी को बिहार की याद आई है। इनके और खड़गे के अलावा कांग्रेस ने किसी अन्य बड़े नेता ने बिहार के तरफ कदम तक नहीं रखें। 


वहीं, राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता तेजस्वी यादव जमकर चुनावी जनसभा कर रहे हैं। तेजस्वी अबतक 200 से अधिक चुनावी जनसभा कर चुके हैं। तेजस्वी एक- एक दिन में तीन से चार चुनावी जनसभा को संबोधित कर रहे हैं। वैसे में इस बार बिहार में महागठबंधन के तहत आरजेडी 23, कांग्रेस 9, वीआईपी 3, सीपीआई माले 3, सीपीआई 1 और सीपीएम 1 सीट लड़ रही है। 


उधर, एनडीए कैंप में बीजेपी ने सारे बड़े नेताओं को बिहार में खूब घुमाया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह, बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी और यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ की बिहार में अब तक 52 सभाएं हो चुकी हैं। मोदी 25 मई को चुनाव में आठवीं बार बिहार आए और कुल 15 सभाएं की।


बहरहाल,ये सच है कि कांग्रेस बिहार में भाजपा से आधी सीट लड़ रही है लेकिन बिहार में कांग्रेस के प्रचार से राष्ट्रीय नेता जिस तरह से दूर चल रहे हैं, वो राज्य में पार्टी की गंभीरता का एक नमूना है। राजद और एक लेफ्ट पार्टी के लिए राहुल ने आखिरी दौर में एक-एक रैली की। तेजस्वी और मुकेश सहनी ही सबके उम्मीदवारों के लिए उड़ रहे हैं।