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1st Bihar Published by: Updated Sun, 20 Dec 2020 07:39:33 PM IST
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PATNA : बिहार में स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर अक्सर सवाल उठते रहे हैं. अपनी कारगुजारियों को लेकर अक्सर चर्चा में रहने वाले स्वास्थ्य विभाग एक बार फिर से सुर्ख़ियों में है. मुफ्त दवा वितरण पहल यानी कि फ्री ड्रग सर्विस इनिसिएटिव में घोर लापरवाही सामने आई है. जिसके कारण विभाग के अफसरों के ऊपर कड़ी कार्रवाई की गई है. स्वास्थ्य विभाग ने 21 जिलों के अधिकारियों के वेतन पर पाबंदी लगा दी है.
बिहार स्वास्थ्य विभाग ने 21 जिलों के साथ ही अनुमंडल स्तर के औषधि भंडार के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, भंडारपाल, फार्मासिस्टों के साथ ही जिला मूल्यांकन और अनुश्रवण पदाधिकारियों का वेतन-मानदेय रोक दिया है. इसके अलावा 21 जिलों के सिविल सर्जनों को निर्देश दिया गया है कि इन लापरवाह पदाधिकारियों से स्पष्टीकरण लें और इनकी लापरवाही को लेकर इनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करें.
बिहार के पटना, भोजपुर, गया, नालंदा, पूर्णिया, प. चंपारण, समस्तीपुर, औरंगाबाद, नवादा, अररिया, जमुई, शिवहर, मधुबनी, लखीसराय, बेगूसराय, वैशाली, कैमूर, भागलपुर, सुपौल, शेखपुरा और कटिहार जिले के अधिकारियों के वेतन पर रोक लगाई गई है. इस महीने तीन तारीख और इसके बाद 12 तारीख को मुफ्त दवा वितरण कार्यक्रम की समीक्षा में यह बात सामने आई कि निर्धारित छह सूचकांक में भोजपुर, अररिया, पश्चिम चंपारण, नवादा और जमुई जैसे जिलों का प्रदर्शन काफी निराशाजनक है.
इस लापरवाही को लेकर स्वास्थ्य विभाग की ओर से लापरवाह अफसरों को चेतावनी दी गई लेकिन वार्निंग के बावजूद भी कोई भी सुधार इनके काम में नहीं देखा गया. जिसके बाद हेल्थ डिपार्टमेंट ने कड़ा रुख अख्तियार करते हुए इनकी सैलरी रोक दी. सरकार के आदेश की अवहेलना मानते हुए अफसरों पर कार्रवाई की गई है.
आपको बता दें कि बिहार सरकार की ओर से प्रदेश के अस्पतालों में मुफ्त दवा वितरण का कार्यक्रम वर्षों से चल रहा है. निशुल्क दी जा रही दवाओं का वितरण सही प्रकार से हो रहा है या नहीं और भंडार में दवाओं की उपलब्धता क्या है इसकी मॉनिटरिंग ई-औषधि, ड्रग एंड वैक्सीन डिस्ट्रीब्यूशन मैनेजमेंट सिस्टम (डीवीडीएमएस) से होती है. जिसकी नियमित समीक्षा होती है.