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बिहार में पहली दफे BJP निभाएगी बड़े भाई का रोल, नीतीश को हुआ पाला बदलने का नुकसान ?

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Tue, 19 Mar 2024 07:39:34 AM IST

बिहार में पहली दफे BJP निभाएगी बड़े भाई का रोल, नीतीश को हुआ पाला बदलने का नुकसान ?

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PATNA : बिहार में एनडीए के बीच सीट शेयरिंग हो चुकी है। इसमें भाजपा को 17 और जेडीयू को 16 सीटें मिली हैं। सबसे बड़ी बात यह है कि जदयू के स्थापना के बाद यह पहली बार हुआ है कि जदयू लोकसभा में भाजपा से कम सीट पर चुनाव मैदान में हो। हमेशा भाजपा के नीतीश कुमार बड़े भाई की भूमिका में रहे हैं। पिछले बार के चुनाव में भी भाजपा जदयू को अधिक सीटें देकर इसे जाहिर किया था। लेकिन 2024 तक आते-आते कहानी बदल चुकी है। अब बिहार के अंदर भाजपा बड़े भाई का रोल निभाते हुए नजर आ रही है। ऐसा कहा जा रहा है कि यह सबकुछ नीतीश कुमार के पाला बदलने वाले हिसाब - किताब की वजह से हुआ है। 


दरअसल, नीतीश कुमार पहली दफा भाजपा के साथ 1996 के लोकसभा चुनाव में आए थे। उस समय नीतीश की पार्टी आठ सीटों पर जीत हासिल करने में कायमाब हुई थी। इनमें छह सीटें बिहार में थीं, जबकि एक-एक सीट यूपी और ओडिशा में थीं। यह सिलसिला 1998 के चुनाव में भी कायम रहा, जब भाजपा के गठबंधन के साथ नीतीश की समता पार्टी ने 12 सीटों पर जीत हासिल की थी।


उसके बाद  समता पार्टी का जनता दल में विलय हो गया। इसके बाद पार्टी बनी, जनता दल यूनाइटेड। साल 2009 के लोकसभा चुनाव में जेडीयू और भाजपा का एक बार फिर गठबंधन हुआ। उस वक्त पहली बार भाजपा ने नीतीश को बड़ी भूमिका दी और उस समय भाजपा ने 15 में से 12 और जेडीयू ने 25 में से 20 सीटें जीत ली थीं। उसके बाद साल 2019 में भाजपा और जेडीयू ने लोकसभा चुनाव में बराबर प्रत्याशी उतारे। यहां पर भाजपा के सभी 17 उम्मीदवार जीतने में सफल रहे, जबकि जेडीयू के 17 में से 16 उम्मीदवारों ने सफलता हासिल की थी। 


उधर,2024 के लोकसभा चुनाव की तो इस भाजपा को 17 सीट, जनता दल (यूनाइटेड) 16 सीट और चिराग पासवान के नेतृत्व वाली लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) पांच सीट पर चुनाव लड़ेगी। बिहार में राजग के घटक दलों के बीच सीट बंटवारे को लेकर हुए समझौते के तहत, पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के नेतृत्व वाले हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) और पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेन्द्र कुशवाहा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय लोक मोर्चा को एक-एक सीट दी गई है।इस तरह से बिहार में पहली बार जदयू के अस्तित्व में आने के बाद भाजपा बड़े भाई के रोल में आई है।