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बिहार में स्वास्थ्य व्यवस्था की बदहाली: झोलाछाप डॉक्टर की काली करतूत, गर्भाशय के नाम पर महिला की निकाली दोनों किडनी

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Sun, 05 Feb 2023 11:34:57 AM IST

बिहार में स्वास्थ्य व्यवस्था की बदहाली: झोलाछाप डॉक्टर की काली करतूत, गर्भाशय के नाम पर महिला की निकाली दोनों किडनी

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MUZAFFARPUR: बिहार में स्वास्थ्य व्यवस्था की बदहाली किसी से छिपी नहीं है। आए दिन ऐसे मामले सामने आते रहे हैं जो सरकार के दावों की पोल खोलने   के लिए काफी होते हैं। ताजा मामला मुजफ्फरपुर से सामने आया है, जहां एक झोलाछाप डॉक्टर ने गर्भाशय का ऑपरेशन करने के दौरान महिला की दोनो किडनी निकाल ली। परिजनों को इस बात की जानकारी तब मिली जब महिला की तबीयत बिगड़ने लगी। जिसके बाद पीड़ित महिला को एसकेएमसीएच में भर्ती कराया गया।


दरअसल, सकरा के बाजी गांव निवासी सुनीता बरियारपुर के शुभकांत क्लीनिक में पेट दर्द की शिकायत लेकर पहुंची थी। डॉक्टर ने सुनीता को बताया कि उसका यूट्रस खराब हो गया है और उसे ऑपरेशन कर निकालना पड़ेगा। डॉक्टर की सलाह पर परिवारवालों ने उसे निजी क्लीनिक में भर्ती करा दिया। पिछले साल तीन सितंबर को ऑपरेशन के बाद उसकी तबीयत और बिगड़ गई। जिसके बाद परिजन उसे पटना के पीएमसीएच ले गए। वहां जांच के दौरान पता चला कि उसकी दोनों किडनियां नहीं हैं। पीएमसीएच के डॉक्टरों ने जब इलाज करने से इनकार कर दिया तो परिजन सुनीता को वापस लेकर मुजफ्फरपुर लौट आए।


इसके बाद सुनीता को इलाज के लिए मुजफ्फरपुर के एसकेएमसीएच में भर्ती कराया गया। जहां पिछले तीन दिनों से सुनीता की हालत में उतार-चढ़ाव जारी रहा। सांस लेने में दिक्कत होने पर उसे ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखा जाता था। उसका डायलिसिस भी कराया गया था। इसी बीच सुनीता को चिकन पॉक्स की शिकायत हो गई। जिसके बाद सुनीता का पति अकूल राम अस्पताल से छुट्टी लेने के लिए अस्पताल अधीक्षक के पास पहुंचा। अधीक्षक द्वारा छुट्टी देने से इनकार करने के बावजूद वह सुनीता को लेकर चला गया। अकलू राम का कहना था कि चिकनपॉक्स अस्पताल में ठीक नहीं होगा, घल लेजाकर पूजन के बाद सुनीता ठीक हो जाएगी।


झोलाछाप डॉक्टर के चंगुल में फंसकर दोनों किडनी गंवाने वाली सुनीता और उसके परिवार का सरकारी इलाज से भरोसा उठ गया है। एसकेएमसीएच में भर्ती सुनीता के चेचक निकलने पर पति अकलूराम ने इलाज नहीं किए जाने का आरोप लगाते हुए पहले अस्पताल में ही झाड़-फूंक का सहारा लिया फिर शनिवार को उन्हें लेकर गांव चले गए। पति ने बताया कि घरवाले किडनी देने के लिए तैयार हैं, लेकिन नहीं ली जा रही है। इस पूरे घटनाक्रम ने एक बार फिर स्वास्थ्य व्यवस्था की पोल खोलकर रख दी है।