ब्रेकिंग न्यूज़

Bihar News: बिहार में इस राज्य से जमकर हो रही AK-47 की तस्करी, इन जिलों में सबसे ज्यादा डिमांड Patna News: पटना में सड़क हादसे में बीजेपी नेता की मौत, आक्रोशित ग्रामीणों ने किया सड़क जाम Patna News: पटना में सड़क हादसे में बीजेपी नेता की मौत, आक्रोशित ग्रामीणों ने किया सड़क जाम BrahMos: चीन के दुश्मन को ब्रह्मोस की अंतिम खेप देगा भारत, वियतनाम के साथ भी ₹6000 करोड़ का सौदा अंतिम चरण में Bank Recruitment 2025: बैंकिंग सेक्टर में करियर बनाने का मौका, बिना एग्जाम दिए ही कर सकते है जॉब; मिलेगी लाखों की सैलरी बिहार में दर्दनाक हादसा: स्कूल से बिना सूचना निकले तीन छात्र नहर में डूबे, तीनों की मौत बिहार में दर्दनाक हादसा: स्कूल से बिना सूचना निकले तीन छात्र नहर में डूबे, तीनों की मौत Bihar Politics: बिहार के वे नेता जो CM कुर्सी पर टिक नहीं पाए ज्यादा दिन, जानिए… किनका कार्यकाल रहा सबसे छोटा Bihar Crime News: हत्याकांड में फरार मुखिया पति के घर की कुर्की, खिड़की-दरवाजे उखाड़ ले गई पुलिस Bihar Crime News: हत्याकांड में फरार मुखिया पति के घर की कुर्की, खिड़की-दरवाजे उखाड़ ले गई पुलिस

बिहार में स्वास्थ्य व्यवस्था की फिर खुल गई पोल, नहीं मिला एम्बुलेंस तो बच्ची के शव को कंधे पर ले गया पिता

1st Bihar Published by: Updated Sat, 09 Apr 2022 08:24:40 AM IST

बिहार में स्वास्थ्य व्यवस्था की फिर खुल गई पोल, नहीं मिला एम्बुलेंस तो बच्ची के शव को कंधे पर ले गया पिता

- फ़ोटो

BEGUSARAI : बिहार में बेहतर स्वास्थ्य व्यवस्था के बड़े-बड़े दावे किए जाते रहे हैं. पर हालत ये है सरकारी अस्पतालों में शव को ढोने के लिए एम्बुलेंस नही मिलने पर कंधे पर शव ढोने की नौबत है। कुछ ऐसा ही हाल शुक्रवार को सूबे के नंबर वन अस्पताल बेगूसराय में देखने को मिला जब एक पिता को अपनी बच्ची के शव को ढोने के लिए न सिर्फ अपने कंधे का इस्तेमाल करना पड़ा बल्कि एंबुलेंस के अभाव में बच्ची के शव को मोटरसाइकिल से घर ले जाया गया। 


बताते चलें कि बेगूसराय में तेज बुखार से एक स्कूली छात्रा की मौत का सनसनी खेज मामला प्रकाश में आया है. घटना बेगूसराय जिला के मस्ती फतेहपुर गांव की बताई जा रही है. लड़कीं की पहचान मस्ती फतेहपुर गांव निवासी कैलाश भगत की 8 वर्षीय पुत्री पूजा कुमारी  के रूप में हुई है. मृतिका के परिजनों ने बताया कि आज बच्ची स्कूल में तेज बुखार की शिकार हो गई. घर आते आते उसकी हालत बेहद नाजुक हो गई. 


गांव में सरकारी स्वास्थ्य व्यवस्था उपलब्ध नहीं होने के कारण बच्ची को गंभीर हालत में गांव के ही एक झोलाछाप डॉक्टर का सहारा लेना पड़ा. ग्रामीण चिकित्सक के द्वारा तेज बुखार को देखते हुए तत्काल ही एक इंजेक्शन बच्ची को दिया गया लेकिन वह इंजेक्शन फायदे की जगह बच्चे के मौत का कारण बन गया और इंजेक्शन लगते ही बच्ची की तबीयत बेहद ही खराब हो गई. जिसके बाद आनन फानन में बच्ची को इलाज के लिए शहर के कई चिकित्सकों को पास ले जाया गया. जहां डॉक्टरों ने बच्ची को मृत घोषित कर दिया.


बच्चे की मौत से रोते बिलखते पिता को तब और फजीहत का सामना करना पड़ा जब एंबुलेंस के अभाव में अपने बच्चे के शव को ना सिर्फ कंधे से ढ़ोना पड़ा बल्कि मोटरसाइकिल पर बैठाकर घर लाना पड़ा. इस पूरे मामले में लाचार पिता के द्वारा झोलाछाप डॉक्टर द्वारा गलत इंजेक्शन दिए जाने के अलावा और उसे किसी से कोई शिकायत नही है. बिहार में लचर स्वास्थ्य व्यवस्था कोई बड़ी बात नहीं है. पर अगर बिहार की स्वास्थ्य व्यवस्था में किसी पिता को अपनी बच्ची का शव कांधे पर ढ़ोना पड़े तो यह बड़े ही शर्म की बात है.