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बिहार में टल सकता है जमीनों के सर्वे का काम, लोगों के गुस्से को देख बैकफुट पर जा सकती है डबल इंजन सरकार

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Tue, 10 Sep 2024 07:35:43 AM IST

बिहार में टल सकता है जमीनों के सर्वे का काम, लोगों के गुस्से को देख बैकफुट पर जा सकती है डबल इंजन सरकार

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PATNA: बिहार में बीते 20 अगस्त से जमीनों के सर्वे का काम शुरू हो गया है। जमीन का सर्वे शुरू होने के साथ ही इसको लेकर लोगों के मन में कई तरह के सवाल है। जमीन के दस्तावेज जुटाने में लोगों के पसीने छूट रहे है। प्रखंड और जिला कार्यालयों का चक्कर लगा रहे लोगों के मन में सरकार के प्रति गहरा आक्रोश देखा जा रहा है। इसी बीच खबर है कि जमीन सर्वे को लेकर पार्टी नेताओं से मिले फीडबैक के बाद सरकार इसे कुछ महीनों के लिए टालने पर विचार कर रही है और मुख्यमंत्री किसी भी वक्त इसको लेकर फैसला ले सकते हैं।


दरअसल, जमीन सर्वे को लेकर लोगों को हो रही परेशानी को देखते हुए सरकार इसे टालने पर विचार कर सकती है। इतना ही नहीं सरकार को जो फीडबैक मिले हैं, उसको देखते हुए जमीन सर्वे के फैसले को वापस भी लिया जा सकता है। जमीन सर्वे को लेकर लोगों को भारी परेशानी हो रही है, जिसके कारण लोगों में सरकार के प्रति गहरी नाराजगी देखी जा रही है। सत्ताधारी गठबंधन का मानना है कि आगामी विधानसभा चुनाव में इसका खामियाजा भुगतना पड़ सकता है। ऐसे में जेडीयू और बीजेपी के भीतर इसको लेकर मंथन चल रहा है।


जानकारी के मुताबिक, बीजेपी और जेडीयू के नेताओं और मंत्रियों ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को जमीन सर्वे से लोगों को हो रही परेशानी से अवगत कराया है। सत्ताधारी दल के नेताओं ने मुख्यमंत्री को यह जानकारी दी है कि जमीन सर्वे के कारण सरकार के प्रति लोगों में भारी नाराजगी है और विधानसभा चुनाव में इसका बुरा असर पड़ सकता है। ऐसे में माना जा रहा है कि सरकार बैकफुट पर जाते हुए जमीन सर्वे को या तो कुछ महीनों के लिए टाल सकती है या फिर इसको वापस भी ले सकती है, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को इसपर अंतिम निर्णय लेना है।


बता दें कि बिहार में जमीनों के सर्वे का काम शुरू होने के साथ ही इसको लेकर लोगों के मन में यह डर है कि जिस जमीन पर वह वर्षों से रह रहे हैं और जिसे कई कई पुस्तों से जोत रहे हैं, वह छीनी जा सकती है हालांकि बीते दिनों राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री दिलीप जायसवाल ने संशय को दूर किया था और कहा था कि जमीन का सर्वे लोगों को राहत देने के लिए हो रहा है न कि उनकी जमीन छीनने के लिए। उधर, जनसुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने जमीन सर्वे को नीतीश सरकार के ताबूत की आखिरी कील बताया था और कहा था कि जाते-जाते नीतीश कुमार ने ऐसी गलती कर दी है कि बिहार के लोग झाड़ू मारकर उन्हें भगाएंगे।