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1st Bihar Published by: First Bihar Updated Tue, 17 Dec 2024 07:25:12 PM IST
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PATNA: राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के सचिव जय सिंह की अध्यक्षता में विभागीय कार्यालय कक्ष में एक अहम बैठक आयोजित की गई। बैठक में ई-मापी, भू-अभिलेख पोर्टल, भू-समाधान, भू-संपरिवर्तन व ONLINE लगान, ONLINE दाखिल खारिज एवं ONLINE परिमार्जन समेत अंचल निरीक्षण की व्यवस्था पर चर्चा की गई।
इस दौरान विभाग के सचिव जय सिंह ने बताया कि सरकारी भूमि, न्यायालय के आदेश, विधि व्यवस्था एवं लोक शिकायत में पारित आदेशों से संबंधित मामलों में वेबसाइट के ड्रॉपडाउन मेन्यू में इन्हें जोड़कर उनका मापी करायी जाय और परिमार्जन के छोड़े गए जमाबंदी के मामले में बिना जमाबंदी संख्या के भी नापी के आवेदन लेने की व्यवस्था सॉफ्टवेयर में सुनिश्चित की जाए।
उन्होंने कहा कि जिलावार प्रति अमीन अभी औसत तीन मापी के मामले निष्पादित किए जा रहे हैं और इसमें सरकारी भूमि की नापी की संख्या को जोड़ा नहीं जा रहा है। ऐसी स्थिति में सरकारी भूमि की नापी के अभिलेखों को भी ऑनलाइन हर हाल में कराया जाय। नापी के मामलों में ससमय फीस का भुगतान नहीं करने वाले आवेदकों के आवेदन को 60 दिन के अंदर निरस्त किए जाने का प्रावधान जरूरी है।रेवेन्यू कोड मैनेजमेंट सिस्टम के तहत ई-मापी के अंतर्गत आवेदन करने और उसकी अंतिम रिपोर्ट को भी उक्त प्रणाली के माध्यम से देखने की व्यवस्था की जाय।
ऑनलाइन दाखिल खारिज एवं ऑनलाइन परिमार्जन के मामलों की चर्चा करते हुए सचिव ने कहा कि ऑनलाइन दाखिल खारिज एवं परिमार्जन प्लस के तहत प्राप्त आवेदनों के गुणवत्तापूर्ण निष्पादन की समय समय पर समीक्षा की जाय। कार्यप्रणाली को चुस्त दुरुस्त बनाए रखने के लिए अंचल निरीक्षण की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि विभागीय सभी पदाधिकारी माह में कम से कम दो जिलों के एक भूमि सुधार उप समाहर्ता एवं एक अंचल कार्यालय का निरीक्षण करना सुनिश्चित करेंगे। सचिव जय सिंह ने कहा कि वैसी जमाबंदी जिसमें रकबा तो अंकित है परंतु लगान अंकित नहीं है। वैसे मामलों में केंद्रीयकृत व्यवस्था के तहत लगान अंकित करने की कार्रवाई की जाए।
बसेरा दो अभियान की चर्चा करते हुए सचिव ने कहा कि सहरसा, मधेपुरा, प चंपारण, बक्सर, भागलपुर एवं वैशाली में बसेरा दो के तहत योग्य लाभुकों के चयन हेतु तैयार सर्वेक्षण सूची में गड़बड़ी करने वाले कर्मचारियों पर की गई कार्रवाई का प्रतिवेदन संबंधित समाहर्ता से मांगी जाय। साथ ही पर्चा वितरण के प्रस्ताव में किसी प्रकार की त्रुटि पाए जाने पर सात दिनों के अंदर संबंधित अंचलाधिकारी को भूमि सुधार उप समाहर्ता के कार्यालय में बुलाकर उसका समाधान करने हेतु पत्र प्रेषित किया जाय। सरकारी भूमि की अनुपलब्धता की स्थिति में मुख्यमंत्री गृह स्थल सहायता योजना के तहत भूमि उपलब्ध कराने हेतु सभी समाहर्ता को पत्र प्रेषित किया जाय। वही थानों के निरीक्षण के समय भूमि विवाद के मामलों के गुणवत्ता के साथ निष्पादन की समीक्षा की जाय। इस बैठक में विभाग के सभी वरीय अधिकारी मुख्य रूप से उपस्थित थे।