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1st Bihar Published by: Updated Sat, 25 Apr 2020 12:22:14 PM IST
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PATNA : बिहार में इस हफ्ते हालात काफी तेजी से बदल रहे हैं. सूबे में आंकड़ा काफी तेजी से बढ़ रहा है. स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी ताजा आंकड़े मुताबिक पॉजिटिव मरीजों की संख्या 225 हो गई है. जिसमें दो लोगों ने दम तोड़ दिया है. 45 कोरोना मरीजों ने यहां इस जानलेवा बीमारी को मात देकर एक नई जिंदगी हासिल की है. फिलहाल 178 केस बिहार में एक्टिव हैं.
प्लाज्मा थेरेपी के नतीजे अच्छे
कोरोना जैसी वैश्विक महामारी से लड़ने के लिए बिहार में प्लाज्मा थेरेपी की शुरुआत करने की तैयारी हो रही है. दिल्ली मुखयमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बीते शुक्रवार को इसका इशारा किया था कि दिल्ली के 4 मरीजों पर इसका प्रयोग किया गया जिसके नतीजे अच्छे आए हैं. उन्होंने कहा कि अब केंद्र सरकार से बाकी सीरियस मरीजों को प्लाज्मा थेरपी देने के लिए इजाजत मांगी जाएगी.
पटना एम्स में होगी प्लाज्मा थेरेपी
बिहार सरकार की ओर से भी आईसीएमआर यानी कि इंडियन कॉउन्सिल ऑफ़ मेडिकल रिसर्च की ओर से पटना एम्स में कोरोना मरीजों को प्लाज्मा थेरेपी देने की इजाजत मांगी गई है. बिहार स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार ने ट्वीट कर इस बात की जानकारी दी है कि प्लाज्मा थेरेपी को लेकर विचार किया जा रहा है. आईसीएमआर से इजाजत मांगी गई है.
क्या है प्लाज्मा थेरेपी
प्लाज्मा थेरेपी में कोरोना संक्रमण से मुक्त हो चुके व्यक्तियों के खून से प्लाज्मा निकालकर दूसरे कोरोना वायरस संक्रमित रोगी को चढ़ाया जाता है. दरअसल संक्रमण से ठीक हुए व्यक्ति के शरीर में उस वायरस के खिलाफ प्रतिरोधक क्षमता बन जाती है और 3 हफ्ते बाद उसे प्लाज्मा के रूप में किसी संक्रमित व्यक्ति को दिया जा सकता है ताकि उसके शरीर में प्रतिरोधक क्षमता बढ़ने लगे. प्लाज्मा संक्रमण से ठीक हुए व्यक्ति के खून से अलग कर निकाला जाता है. एक बार में एक संक्रमण से ठीक हुए व्यक्ति के शरीर से 400ml प्लाज्मा निकाला जा सकता है. इस 400ml प्लाज्मा को दो संक्रमित मरीजों को दिया जा सकता है.
#BiharFightsCorona deemed approval from icmr for aiims patna. https://t.co/9845J0mv98
— sanjay kumar (@sanjayjavin) April 25, 2020
इससे कैसे किया जाता है इलाज
स्वस्थ हो चुके मरीज के शरीर में एंटीबॉडी बन जाती है जो उस वायरस से लड़ने के लिए होती है. एंटीबॉडी ऐसे प्रोटीन होते हैं जो इस वायरस को डिस्ट्रॉय या खत्म कर सकते हैं. वो एंटीबॉडी अगर प्लाज्मा के जरिए किसी मरीज को चढ़ाएं तो वह एंटीबॉडी अभी जो मरीज है जो उसके शरीर में मौजूद वायरस को मार सकती है. प्लाज्मा थेरेपी कोई नई थेरेपी नहीं है. डॉक्टरों का मानना है की ये एक प्रॉमिनेंट थेरपी है जिसका फायदा भी हुआ और कई वायरल संक्रमण में इसका इस्तेमाल भी हुआ है.