भारतीय नौ सेना का कराची पर जोरदार हमला...पाकिस्तान के 16 शहरों पर भारी बमबारी भारत का पाकिस्तान के लाहौर पर बड़ा हमला...पाकिस्तानी एयर डिफेंस हुआ तबाह भारत ने पाकिस्तान के तीन फाइटर जेट गिराये, दो JF-17 और एक F-16... पाकिस्तान एयरफोर्स का AWACS विमान भी ध्वस्त मुंडेश्वरी कॉलेज फॉर टीचर एजुकेशन में सेमिनार, डॉ. मोहम्मद शरीफ ने दी विस्तृत जानकारी समस्तीपुर में बोले मुकेश सहनी..बिहार पुलिस जनता की रक्षक नहीं भक्षक बन चुकी है नीतीश के गांव कल्याण बिगहा से हस्ताक्षर अभियान की शुरुआत, 11 मई से जन सुराज पार्टी चलाएगा यह मुहिम BIHAR: जमुई में पाकिस्तानी समर्थक गिरफ्तार, इंस्टाग्राम पर 'पाकिस्तान जिंदाबाद' लिखना पड़ गया महंगा पाकिस्तान को मुंह तोड़ जवाब: कर्नल सोफिया बोलीं..PAK ने हमले की कोशिश की तब हमने लाहौर का एयर डिफेंस सिस्टम उड़ाया हैदराबाद में कराची बेकरी के नाम पर विवाद: शॉप का नाम बदलने की मांग, मालिक ने कहा..हम भारतीय ब्रांड हैं, पाकिस्तान से कोई संबंध नहीं Bihar News: बिहार के इस कस्बे को मिला शहर का दर्जा, बना नया नगर पंचायत; अब मिलेगी शहरी सुविधाएं
1st Bihar Published by: Updated Sat, 12 Feb 2022 11:55:47 AM IST
- फ़ोटो
DESK : पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी में पिछले महीने हुए ट्रेन हादसे की हुई जांच के बाद रेलवे अधिकारियों की बड़ी लापरवाही सामने आई है. दरअसल, 13 जनवरी को बीकानेर-गुवाहाटी एक्सप्रेस के कई डिब्बे पटरी से उतर गए थे. इस घटना में नौ लोगों की मौत हो गई थी. लगभग एक महीने बाद अब उस हादसे की जांच रिपोर्ट सामने आई हैं. इसमें कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं.
रिपोर्ट के मुताबिक, बीकानेर-गुवाहाटी एक्सप्रेस हादसे का शिकार होने से पहले करीब 18 हजार किलोमीटर का सफर ठीक तरह से जांच हुए बिना ही पूरा कर चुकी थी, जबकि आमतौर पर रेलवे की जिम्मेदारी होती है कि वह हर 4500 किमी पर ट्रेन के इंजन की जांच करे.
जांच में पता चला है कि इंजन का समय पर मेंटेनेंस ही नहीं हुआ था. इस इंजन को 4500 KM चलने के बाद पीरियोडिकल एग्जामिनेशन के लिए भेजा जाना था, लेकिन इंजन बिना जांच 18 हजार KM तक चलाया गया. इस हादसे की जांच कर रहे कमिश्नर ऑफ रेलवे सेफ्टी ने 10 फरवरी को पूर्वोंत्तर सीमांत रेलवे मालीगांव गुवाहाटी के GM को पत्र लिखकर यह जानकारी दी है.
CRS ने जांच रिपोर्ट में यह भी बताया कि समस्तीपुर रेल डिवीजन में इलेक्ट्रिक इंजन की मेंटेनेंस की सुविधा ही नहीं है, लेकिन फर्जी तरीके से मेंटेनेंस का सर्टिफिकेट जारी किया जाता था. उन्होंने जांच रिपोर्ट में कहा है कि रेलवे को इस मामले की जांच करनी चाहिए कि जहां जांच की व्यवस्था ही नहीं है, वहां से सर्टिफिकेट कैसे जारी होता था.