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1st Bihar Published by: First Bihar Updated Wed, 17 Jan 2024 08:44:37 PM IST
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PATNA: नीतीश सरकार से बीजेपी ने यह सवाल किया है कि लघु उद्यमी योजना में जातीय सर्वे के आंकड़ों में अनदेखी क्यों की गयी? पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने कहा कि जिन 82 लाख से अधिक परिवारों की आय 6 हजार से 10 हजार रुपये मासिक हैं, उन्हें क्या सरकार अमीर मानती है? इनमें 32 लाख से ज्यादा परिवार तो केवल अतिपिछड़ा वर्ग के हैं। सरकार बताये कि इन लाखों परिवारों को "बिहार लघु उद्यमी योजना" के तहत 2-2 लाख रुपये देने के लाभ से वंचित क्यों रखा गया?
सुशील मोदी ने कहा कि अतिपिछड़ा, पिछड़ा, एससी-एसटी के आंकड़ों को आधार बना कर उनके विकास के लिए अलग-अलग योजना क्यों नहीं बनायी गई?उन्होंने कहा कि सर्वे के अनुसार 10 से 20 हजार मासिक आय वाले जो 50 लाख से ज्यादा परिवार हैं, उनके विकास के लिए क्या योजना है? 2.18 करोड़ कास्तकारों के कल्याण के लिए कोई योजना क्यों नहीं बनी?
सुशील मोदी ने कहा कि सरकार ने जातीय सर्वे में प्राप्त भूमिहीन परिवारों के आंकड़े न तो सार्वजनिक किये, न इन परिवारों को कृषि भूमि देने की कोई योजना बनायी। उन्होंने कहा कि जातीय सर्वे कराते समय आश्वस्त किया गया था कि इस के आंकड़ों को आधार बना कर हर जाति-वर्ग के लिए अलग-अलग योजनाएँ लागू की जाएँगी। इसके विपरीत "बिहार लघु उद्यमी योजना" को केवल गरीबी के आर्थिक आधार पर सबके लिए समान रूप से क्यों लागू कर दिया गया?