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1st Bihar Published by: First Bihar Updated Wed, 06 Sep 2023 07:31:27 AM IST
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PATNA : राज्य में जब से शिक्षा विभाग की कमान के के पाठक संभाले हैं तब से आए दिन वह किसी न किसी तरह सुर्खियों में बने ही रहते हैं। पाठक के तरफ से कभी राजभवन से पत्राचार किया जाता तो कभी शिक्षकों को यह बताया जाता है कि उन्हें किस तरीके से कार्य करना चाहिए और उन्हें कितनी छुट्टियां मिलनी चाहिए। इसके बाद अब की के पाठक ने बिहार लोक सेवा आयोग को पत्र लिखा है और बीपीएससी पर जमकर भड़ास निकाली है।
दरअसल, शिक्षा विभाग के माध्यमिक शिक्षा निदेशक कन्हैया प्रसाद के तरफ से बीएससी के सचिव को पत्र लिखकर कहा गया है कि कर्मचारियों की प्रमाण पत्र सत्यापन में टीचरों की ड्यूटी लगाना नियमों के विपरीत है इसलिए उन्हें तुरंत कार्य मुक्त किया जाए।
शिक्षा विभाग के माध्यमिक शिक्षा निदेशक के तरफ से जो पत्र जारी किया गया है उसमें कहा गया है कि - जिला शिक्षा पदाधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से समीक्षा के दौरान यह बात सामने आई है कि सभी जिला में शिविर आयोजित कर आवेदकों के प्रमाण पत्र का सत्यापन कराया जा रहा है और इस कार्य में शिक्षा विभाग के सभी पदाधिकारियों,कर्मियों यहां तक की कुछ जिलों में शिक्षक की भी ड्यूटी लगा दी गई है। या किसी भी स्थिति में स्वीकार नहीं है और ना ही यह शिक्षा हित में है।
इसके आगे कन्हैया प्रसाद ने अपने पत्र में लिखा है कि- सभी जिलों में शिक्षा विभाग के पदाधिकारी एवं कर्मियों को नियमावली 2023 के नियम के विपरीत प्रमाण पत्रों के सत्यापन में लगाए जाने की स्थिति को देखते हुए अभिलंब उन्हें कार्य मुक्त किया जाए। कार्य मुक्ति की कार्रवाई के बाद इसकी सूचना विभाग को दी जाए।
आपको बताते चलें कि, बिहार में शिक्षकों के 1.70 लाख पदों पर बहाली में प्रमाण पत्र सत्यापन कार्य चल रहा है। इस में शिक्षा विभाग के कर्मचारियों और अधिकारियों के साथ ही साथ शिक्षकों की भी ड्यूटी लगा दी गई है। इसके बाद शिक्षा विभाग ने बिहार लोक सेवा आयोग से इस पर आपत्ति जताई है।