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बक्सर जिला प्रशासन के निकम्मेपन ने खड़ा किया संकट, 14 दिन तक संदिग्धों का टेस्ट नहीं कराने से ग्रीन एरिया से रेड जोन में जा पहुंचा शहर

1st Bihar Published by: Updated Fri, 17 Apr 2020 06:56:25 AM IST

बक्सर जिला प्रशासन के निकम्मेपन ने खड़ा किया संकट, 14 दिन तक संदिग्धों का टेस्ट नहीं कराने से ग्रीन एरिया से रेड जोन में जा पहुंचा शहर

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BUXAR : उत्तर प्रदेश से सटे होने के बावजूद बक्सर जिले के लोगों को बुधवार तक बेहद रिलैक्स मूड में थे। बक्सर में कोरोना संक्रमण का एक भी मामला नहीं आने के कारण लोगों ने राहत की सांस ली थी। बक्सर के लोग इस बात का इंतजार कर रहे थे कि 20 अप्रैल के बाद उन्हें ग्रीन एरिया में शामिल किया जाएगा लेकिन गुरुवार को अचानक से दो कोरोना पॉजिटिव केस मिलने के बाद बक्सर रेड जोन में पहुंच चुका है। बक्सर में कोरोना संक्रमण के जो 2 मामले सामने आए हैं उसके लिए जिला प्रशासन की लापरवाही को जिम्मेदार माना जा रहा है। जानकारों की मानें तो नया भोजपुर के जिस इलाके में 28 मार्च को विदेशी पकड़े गए थे उस पूरे इलाके की अगर समय रहते स्क्रीनिंग कर ली जाती तो मामले सामने नहीं आते। 


बक्सर में कोरोना के जो 2 मामले सामने आए हैं वह दोनों उसी इलाके से हैं जहां 28 मार्च को विदेशी पकड़े गए थे। बक्सर में जो दो व्यक्ति ही पॉजिटिव पाए गए हैं वह भी जमात से ही जुड़े हुए हैं। 30 मार्च को यह दोनों आसनसोल में आयोजित जलसे में शामिल होकर बक्सर पहुंचे थे। इन दोनों में संक्रमण के लक्षण की जानकारी मिल गई थी लेकिन बावजूद इसके इन्हें होम कोरंटाइन किया गया। 30 मार्च को कोरंटाइन किए जाने के बावजूद जिला प्रशासन ने 14 अप्रैल को इनका सैंपल टेस्ट के लिए भेजा। 14 दिनों तक आखिर किन वजहों से इन दोनों का कोरोना जांच नहीं कराया गया इसे लेकर जिला प्रशासन चुप्पी साधे बैठा है। आखिरकार जब जिला प्रशासन को यह लगा कि दोनों कोरोना पॉजिटिव हो चुके हैं तो आनन-फानन में 14 अप्रैल को इनका सैंपल टेस्ट के लिए भेजा गया और गुरुवार यानी 16 अप्रैल को यह दोनों पॉजिटिव निकल गए। ऐसे में यह सवाल उठना लाजमी है कि आखिर जिला प्रशासन ने इतनी बड़ी लापरवाही क्यों की? 


बक्सर जिला प्रशासन की इस बड़ी लापरवाही के कारण डुमराव इलाके का वह पूरा गांव कोरोना संक्रमण के खतरे का सामना कर रहा है जहां यह दोनों मरीज 30 मार्च से रह रहे थे। एहतियात के तौर पर इन दोनों को तुरंत कोरंटाइन सेंटर में भेजा जाना चाहिए था। इनका सैंपल लेकर टेस्ट कराया जाना चाहिए था लेकिन बक्सर के डीएम और एसपी इस तरह रिलैक्स रहे जैसे वहां कोरोना का संक्रमण नहीं फैलेगा। अब अपनी बड़ी लापरवाही पर पर्दा डालने के लिए जिले के डीएम लोगों को लॉकडाउन का पाठ पढ़ा रहे हैं। इस पूरे मामले में बक्सर जिला प्रशासन की जो लापरवाही सामने आई है उसके बाद क्या सरकार इस मामले में कोई एक्शन लेगी यह भी अभी बड़ा सवाल बना हुआ है।