ISM पटना में छात्र परिषद शपथ ग्रहण समारोह, 17 छात्र प्रतिनिधियों ने ली बड़ी जिम्मेदारी SAHARSA: मणिकांत हत्याकांड का मुख्य आरोपी गिरफ्तार, दो ने कोर्ट में किया सरेंडर बिहटा चेन स्नैचिंग कांड का खुलासा, चार आरोपी गिरफ्तार PURNEA: जानकीनगर पुलिस ने 12 घंटे में चोरी की घटना का किया खुलासा, दो गिरफ्तार बड़हरा की तीर्थ यात्रा पहल को नई गति, नथमलपुर से अयोध्या के लिए रवाना हुआ श्रद्धालुओं का जत्था विद्या विहार विद्यालय में अलंकरण समारोह, पूर्व छात्र IPS प्रवीन प्रकाश बने मुख्य अतिथि चुनाव से पहले एसपी का निरीक्षण, मीरगंज में सुरक्षा और प्रशासनिक तैयारियों की समीक्षा Bihar Politics: ‘वोट चोरी से प्रधानमंत्री बनें हैं नरेंद्र मोदी’ आरजेडी सांसद संजय यादव का बड़ा हमला हैदराबाद में सनातन महाकुंभ: सिंदूर महायज्ञ का हुआ आयोजन Bihar News: बिहार में यहां बनने जा रहीं दो फोरलेन सड़कें, पथ निर्माण विभाग ने भेजा डीपीआर; खर्च होंगे 201 करोड़
1st Bihar Published by: First Bihar Updated Mon, 28 Aug 2023 10:21:38 PM IST
- फ़ोटो
PATNA: दिल्ली से इस वक्त की बड़ी खबर आ रही है। बिहार में जाति आधारित गणना के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में जो हलफनामा गृह मंत्रालय ने दाखिल किया था उसे केंद्र सरकार ने वापस ले लिया है। केंद्र सरकार की ओर से कहा गया है कि पैरा पांच अनजाने में शामिल हो गया था।
पैरा पांच में कहा गया था कि केंद्र सरकार को ही जनगणना का अधिकार है। जिसके बाद आनन-फानन में केंद्र सरकार की तरफ से पैरा पांच को हलफनामा से हटा लिया गया है। जनगणना और जातीय गणना दोनों अलग-अलग चीज है। कहा जा रहा है कि जल्दबाजी में हलफनामा सुप्रीम कोर्ट में दाखिल किया गया था।
बता दें कि बिहार में जातीय गणना मामले में केंद्र सरकार की तरफ से आज ही सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर की गयी थी। गृह मंत्रालय की तरफ से यह हलफनामा सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की गयी थी। जिसमें जनगणना अधिनियम 1948 का उल्लेख किया गया था। गृह मंत्रालय की ओर से बताया गया था कि केंद्र सरकार के पास ही जनगणना कराने का अधिकार है।
केंद्र सरकार को यह अधिकार अधिनियम की धारा-3 के तहत प्राप्त है। संविधान में किसी अन्य निकाय या प्राधिकरण के पास जनगणना कराने का अधिकार नहीं है। केंद्र सरकार ने बताया था कि संविधान और कानून के मुताबिक SC,ST,OBC के कल्याण के लिए सरकार की ओर से जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं। जनगणना एक विधायी प्रक्रिया है, जो जनगणना अधिनियम 1948 के तहत है। केंद्रीय अनुसूची के 7वें शिड्यूल में 69वें क्रम के तहत जातीय जनगणना कराने का अधिकार राज्य नहीं बल्कि केंद्र सरकार के पास है।