छपरा बवाल : सारण में दो दिन और बंद रहेगी इंटरनेट सेवा : महराजगंज लोकसभा सीट पर वोटिंग को लेकर लिया गया फैसला

छपरा बवाल : सारण में दो दिन और बंद रहेगी इंटरनेट सेवा : महराजगंज लोकसभा सीट पर वोटिंग को लेकर लिया गया फैसला

SARAN : सारण जिले में चुनावी हिंसा के बाद बिगड़े माहौल को देखते हुए इंटरनेट पर बैन की अवधि दो दिन और बढ़ा दी गई है। अब जिले में छठे चरण के मतदान तक यानी 25 मई तक इंटरनेट सेवा पर पाबंदी रहेगी। वहीं, छपरा में हुए मतदान के दौरान और उसके बाद हुए बवाल मामले में पुलिस ने आरजेडी एवं बीजेपी के 150 समर्थकों पर केस दर्ज किया है। जबकि इस घटना के बाद गोलीबारी के आरोप में गिरफ्तार दो लोगों को जेल भेज दिया गया है। इस गोलीबारी में एक आरजेडी समर्थक की मौत हो चुकी है जबकि और दो अन्य घायल हैं।  


दरअसल, छपरा में चुनावी हिंसा के बाद सारण जिले में इंटरनेट सेवा पर लगाई गई रोक को 25 मई की शाम 5 बजे तक बढ़ा दी गई है। इससे पहले गृह विभाग ने पहले 23 मई तक ही इंटरनेट सेवा बाधित रखने का निर्देश दिया था। लेकिन, लोकसभा चुनाव के छठे चरण में महाराजगंज सीट पर होने वाले मतदान को देखते हुए अब इस रोक की अवधि बढ़ाकर 25 मई तक कर दी गई है। बुधवार को जारी विभागीय आदेश के अनुसार, सारण के डीएम और एसपी की रिपोर्ट पर रोक की अवधि बढ़ाई गई है। आशंका है कि महाराजगंज में होने वाले चुनाव में सारण के कुछ असामाजिक तत्व इंटरनेट के जरिए माहौल खराब कर सकते हैं। लिहाजा महाराजगंज में वोटिंग समाप्त होने के बाद इंटरनेट सेवा बहाल की जाएगी। 


मालूम हो कि छपरा के टाउन थानाक्षेत्र के बड़ा तेलपा स्थित मतदान केंद्र संख्या- 318 और 319 पर विगत 20 मई को मतदान के दौरान शाम में आरजेडी और बीजेपी कार्यकर्ताओं के बीच भिड़ंत हो गई थी। इस दौरान एक पक्ष ने दूसरे पक्ष पर पत्थरबाजी, गाली-गलौज एवं लाठी-डंडे चलाने का आरोप लगाया था। मतदान के दिन दोनों पार्टियों के समर्थक मतदान केंद्र पर सुबह से लेकर शाम तक डटे रहे। ऐसे में रोहिणी आचार्य यहां जब दो से ज्यादा बार पहुंचीं तो बीजेपी समर्थक भड़क गए। 


उधर, इस विवाद को लेकर हुई गोलीबारी में एक आरजेडी समर्थक की जान चली गई है। पुलिस इस घटना की जांच कर रही है। जांच के लिए फॉरेंसिक लैब की टीम भिखारी ठाकुर चौक पहुंची और वहां से कुछ सैंपल इकट्ठा कर जांच के लिए अपने साथ मुजफ्फरपुर ले गई है। इस मामले में एसपी ने बताया कि प्रथम दृष्टया पुलिस की प्रशासनिक लापरवाही पाई गई है।