1st Bihar Published by: Updated Sat, 30 Jul 2022 03:31:47 PM IST
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CHHAPRA: बिहार को प्रतिभा का क्षेत्र यू हीं नहीं कहा जाता है। यहां के स्टूडेंट्स में कुछ अलग कर दिखाने की चाहत किसी से छिपी हुई नहीं है। अब छपरा पॉलिटेक्निक फाइनल ईयर के 4 स्टूडेंट्स ने मिलकर सौर ऊर्जा और बैट्री से चलने वाली ई साइकिल का निर्माण किया है। ख़ास बात तो यह है कि ये प्रदूषण मुक्त और आर्थिक दृष्टिकोण से बेहतर है। सारण के मढ़ौरा में संचालित राजकीय पॉलिटेक्निक छपरा के स्टूडेंट्स ने सौर ऊर्जा से चलने वाली एक ई साइकिल और स्मार्ट डस्टबिन का निर्माण किया है।
छात्रों ने एक टीम के तहत इस प्रोजेक्ट पर काम किया, जिसमें उन्हें लगभग 25000 का खर्च आया है। इस साइकिल की खासियत की बात करें तो ये प्रति घंटा 30 किलोमीटर की रफ्तार से चल सकती है और 120 किलो तक का वजन अपने साथ खींच सकती है। वहीं, इस साइकिल में 7-7 एएच की दो सेट बैटरी लगाया गया है, जिसे साइकिल के ऊपर लगे सोलर प्लेट के माध्यम से चार्ज किया जाता है। ई साइकिल में 250 वाट का एक मोटर लगा है, जिसके माध्यम से साइकिल को चलाया जा सकेगा। ख़ास बात ये भी है कि एक बार की चार्जिंग में यह साइकिल करीब 50 किलोमीटर तक चल सकती है ।
इतना ही नहीं, पॉलिटेक्निक के स्टूडेंट्स ने एक स्मार्ट डस्टबिन भी बनाया है, जो कोरोना में काफी मदद करेगा। इस डस्टबिन में अल्ट्रासोनिक सेंसर, सर्वो मोटर, आरडीओ यूएनओ आदि का उपयोग किया गया है। दिलचस्प बात ये है कि इस डस्टबिन के पास जैसे ही कोई गारवेज लेकर आता है वैसे ही डस्टबिन अपने आप खुल जाता है, जिसके बाद लोग उसमें कूड़ा डाल सकते हैं। वहीं, उसके रेंज से हटते ही डस्टबिन अपने आप बंद भी हो जाता है। ऐसे में कोरोना काल मे इसकी उपयोगिता काफी अहम हो जाती है। स्टूडेंट्स के मुताबिक़ इसे बनाने में कुल 2500 का खर्च आया है। बता दें, यह एक डस्टबिन 7 से 8 साल तक चल सकता है। इन दोनों प्रोजेक्ट पर छपरा पॉलिटेक्निक के छात्र प्रिंस कुमार, आदित्य कुमार, स्वाति कुमारी, नंदिनी सिंह के अलावा अनुपम कुमार, रंजन कुमार, अंकित कुमार और छाया कुमारी जबकि गाइड प्रोफेसर के रूप में धनंजय कुमार की अहम भूमिका रही।