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1st Bihar Published by: Updated Tue, 16 Jun 2020 10:16:01 PM IST
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PATNA : पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में चीन के सैनिकों के साथ कल रात हुई हिंसक झड़प में बिहार रेजिमेंट के कर्नल और जवानों ने शहादत दी है. देश की सीमा की रक्षा करने के लिए 16बिहार रेजीमेंट के कमांडिंग ऑफिसर कर्नल संतोष बाबू समेत दो और सैनिक वीरगति को प्राप्त हुए.
भारतीय सेना ने के मुताबिक कर्नल संतोष गलवान घाटी में पैट्रोलिंग पॉइंट 14 के करीब हुई झड़प में शहीद हुए. उनके साथ ही दो और जवानों के भी देश के लिए जीवन बलिदान कर दिया. तीनों बिहार के रेजीमेंट के थे. कर्नल संतोष ने 2 दिसंबर 2019 को ही कमान संभाली थी.
झारखंड के कुंदन ने दी शहादत, 17 दिनों की बेटी का मुंह नहीं देख पाये
भारत और चीन की सीमा पर हुई हिंसक झड़प में झारखंड के साहेबगंज जिला के सदर प्रखंड के दीहारी गांव के निवासी कुन्दन कुमार ओझा शहीद हो गए. शहीद कुंदन की पत्नी ने 17 दिन पहले बेटी को जन्म दिया था, लेकिन कुंदन अपनी बच्ची का चेहरा तक नहीं देख पाए. कुंदन की शहादत की खबर मिलने के बाद उनके गांव में मातम पसर गया है.
26 साल की उम्र में ही शहीद होने वाले जवान कुंदन कुमार ओझा के पिता रविशंकर ओझा किसान हैं. कुंदन 2011 में बिहार रेजिमेंट में भर्ती हुए थे. तीन साल पहले उनकी शादी बिहार के सुल्तानगंज में हुई थी. ग्रामीणों के मुताबिक शहीद कुंदन कुमार पांच महीने पहले घर आए थे.

एक पखवाड़े पहले घर पर की थी बात
शहीद कुंदन के परिजनों ने बताया कि 15 दिन पहले उनकी बात कुंदन से हुई थी. सोमवार की देर रात को उन्हें कुंदन के शहीद होने की जानकारी मिली. वहीं साहेबगंज के उपायुक्त वरुण रंजन ने बताया कि आर्मी की ओर से ऑफिशियल तौर पर अभी तक लिखित में कोई जानकारी जिला प्रशासन को नहीं दी गई है. आर्मी के एक सूबेदार ने उन्हें फोन कर कुंदन कुमार ओझा के शहीद होने की सूचना दी है. हालांकि जिला प्रशासन के अधिकारियों को शहीद जवान के घर आवश्यक जानकारी के लिए भेजा गया है.

हेमंत सोरेन बोले-झारखंड के बेटे पर गर्व
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कुंदन कुमार ओझा की शहादत पर शोक जताया है. मुख्यमंत्री ने कहा कि लद्दाख बॉर्डर पर सोमवार रात हुई हिंसक घटना को सुनकर परेशान, दुखी और निराश हूं. मैं और झारखंड का हर व्यक्ति इस शोक की घड़ी में शहीदों के परिवार के सदस्यों के साथ खड़ा है. हेमंत सोरेन ने कहा कि झारखंड के बहादुर बेटे कुंदन ओझा पर उन्हें गर्व है, जिन्होंने कर्तव्य निभाते हुए अपने दो अन्य साथियों के साथ बलिदान दिया.