PATNA: बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर आज सुबह जब सीएम हाउस पहुंचे थे तो लगा था कि शिक्षा विभाग में छिड़ी जंग खत्म होने वाली है. लेकिन अब उसकी पूरी कहानी सामने आ गयी है. सूत्र बता रहे हैं कि सीएम आवास में आज शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर की जमकर क्लास लगी. वैसे भी मंत्री को नीतीश कुमार ने खुद नहीं बुलाया था. लालू यादव ने नीतीश कुमार को फोन कर मंत्री से मिल लेने को कहा था. इसके बाद नीतीश कुमार चंद्रशेखर से मिलने को राजी हुए लेकिन पूरी तैयारी के साथ.
ऐसे हुआ घटनाक्रम
बता दें कि मंत्री चंद्रशेखर ने मंगलवार को केके पाठक को पीत पत्र भिजवाया था. इसके जवाब में केके पाठक ने न सिर्फ कड़ा जवाब भिजवाया बल्कि मंत्री के आप्त सचिव के विभाग में घुसने पर रोक लगा दिया. मीडिया में सारी खबरें आने के बाद आज सुबह लालू प्रसाद यादव ने मंत्री चंद्रशेखर को तलब किया. राजद के एक सीनियर नेता ने बताया कि लालू यादव के समक्ष मंत्री चंद्रशेखर अपनी इज्जत बचाने की गुहार लगाते रहे. वे कहते रहे कि मेरे आप्त सचिव को विभाग में घुसने से रोक दिया गया है. क्षेत्र में मेरी क्या इज्जत रहेगी.
लालू ने नीतीश से बात की
मंत्री ने जब लगातार गुहार लगायी तो लालू यादव ने नीतीश कुमार को फोन मिलाया. लालू यादव ने आज खुद मीडिया से बात करते हुए कहा कि मैंने फोन पर नीतीश से बात की थी और कहा था कि मंत्री चंद्रशेखर से मिलकर उनकी बात सुन लीजिये. लालू यादव के फोन जाने के बाद नीतीश कुमार मंत्री चंद्रशेखर से मिलने को राजी हुए.
सीएम आवास में ड्रामा
एक जानकार सूत्र ने सीएम आवास में हुए घटनाक्रम की जानकारी दी. जब मंत्री चंद्रशेखर आये तो नीतीश कुमार अपने दो मंत्रियों विजय कुमार चौधरी और विजेंद्र यादव के साथ मौजूद थे. उन्होंने शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक को पहले से ही बुला रखा था. केके पाठक शिक्षा विभाग की फाइलों के साथ सीएम आवास में बैठे थे. मंत्री चंद्रशेखर लगभग साढ़े 11 बजे वहां पहुंचे तो उनका सामना सिर्फ सीएम से नहीं बल्कि अपने विभाग के अपर मुख्य सचिव से भी हुआ.
सूत्र बताते हैं कि केके पाठक अपने विभाग के मंत्री चंद्रशेखर के कारनामों की पूरी फाइल लेकर सीएम हाउस पहुंचे थे. शिक्षा विभाग में क्या क्या खेल चल रहा है इसकी पूरी जानकारी मंत्री चंद्रशेखर के सामने ही मुख्यमंत्री को दी गयी. जानकारों ने बताया कि जब केके पाठक ने खुलासा करना शुरू किया तो चंद्रशेखर की बोलती बंद हो गयी. उन्हें कोई जवाब नहीं सूझ रहा था. लगभग 40 मिनट तक चली इस बैठक में नीतीश कुमार ने केके पाठक को कुछ भी नहीं कहा. मंत्री चंद्रशेखर को ही कड़ी सलाह मिली कि वे खुद को सुधार लें.
चंद्रशेखर जब सीएम आवास से बाहर निकले तो मीडिया ने उन्हें रोका. चंद्रशेखर केके पाठक के बारे में एक लाइन नहीं बोल पाये. पत्रकार जब बार बार केके पाठक के बारे में सवाल पूछते रहे तो उन्होंने सिर्फ इतना कहा कि आप सब जानते हैं कि लोकतंत्र में कौन बड़ा है. मंत्री ने कहा कि विभाग में कोई विवाद नहीं है.
चंद्रशेखर को अब तेजस्वी से उम्मीद
अपनी भारी फजीहत के बाद शिक्षा मंत्री आज अपने दफ्तर नहीं गये. वे अपने घर में बैठे रहे. विभाग का कोई अधिकारी-कर्मचारी भी उनसे मिलने नहीं गया. शिक्षा मंत्री को आज कुछ सार्वजनिक कार्यक्रमों में भी शामिल होना था, वे उसमें भी नहीं गये. वे लालू यादव से मिलकर गुहार लगा चुके हैं लेकिन उसका कोई फायदा नहीं हुआ. लालू दिल्ली पहुंच गये हैं. मंत्री के करीबियों ने बताया कि अब उन्हें तेजस्वी यादव से उम्मीद है. तेजस्वी फिलहाल विदेश में हैं. चंद्रशेखर तेजस्वी यादव के ही करीबी बताये जाते हैं. चंद्रशेखर को उम्मीद है कि तेजस्वी के हस्तक्षेप से उनकी इज्जत बचेगी.