ब्रेकिंग न्यूज़

Bihar Election 2025 : नीतीश कुमार फिर बना सकते हैं इतिहास, जानिए कब-कब संभाली सत्ता की कमान; क्या रहा है अबतक के CM बनने की कहानी Bihar Election 2025 : ‘18 तारीख को मुख्यमंत्री पद की शपथ लूंगा...’, तेजस्वी यादव ने एग्जिट पोल को झुठलाया, कहा – आ रही है महागठबंधन की सरकार, लिखकर रख लो... UPSC Mains Result 2025: सिविल सेवा मुख्य परीक्षा का रिजल्ट जारी, 2736 उम्मीदवार सफल; अब इंटरव्यू राउंड की करें तैयारी UPSC Mains Result 2025: सिविल सेवा मुख्य परीक्षा का रिजल्ट जारी, 2736 उम्मीदवार सफल; अब इंटरव्यू राउंड की करें तैयारी Dharmendra Health Update: अस्पताल से डिस्चार्ज हुए धर्मेंद्र, सनी देओल ने दिया हेल्थ अपडेट; कहा- "वे ठीक हो रहे हैं और रिकवर कर रहे हैं" PMCH Patna : पटना के इस अस्पताल में ईएनटी मरीजों के लिए राहत, शुरू हुआ 30 बेड का अत्याधुनिक इंडोर वार्ड Bihar Election 2025: समस्तीपुर और सीवान के बाद अब यहां मिलीं सैकड़ों VVPAT स्लिप्स, वोटिंग की गोपनीयता पर उठ रहे सवाल Bihar Election 2025: समस्तीपुर और सीवान के बाद अब यहां मिलीं सैकड़ों VVPAT स्लिप्स, वोटिंग की गोपनीयता पर उठ रहे सवाल Bihar Elections 2025: बिहार चुनाव में नेता जी ने इस चीज़ में जमकर उड़ाए रुपए, हजारों-लाखों नहीं करोड़ों कर दिए खर्च; जानिए क्या है वह पूरी खबर Bihar Election 2025 : मतगणना के दिन पटना में ट्रैफिक प्लान जारी, ए.एन. कॉलेज के आसपास वाहनों की आवाजाही पर रोक

CM नीतीश की 'फ्लॉप' शराबबंदी पर तेजस्वी के 15 सवाल, पूछा.. चाय-बिस्कुट वाली समीक्षा बैठकों का क्या रिजल्ट है?

1st Bihar Published by: Updated Sun, 07 Nov 2021 03:14:47 PM IST

CM नीतीश की 'फ्लॉप' शराबबंदी पर तेजस्वी के 15 सवाल, पूछा.. चाय-बिस्कुट वाली समीक्षा बैठकों का क्या रिजल्ट है?

- फ़ोटो

PATNA : बिहार में बीते दिनों अलग-अलग जिले से जहरीली शराब से मौत के कई मामले सामने आये. विपक्ष पूरी तरह से इसका जिम्मेदार सरकार और प्रशासन को ही ठहरा रहा है. लेकिन अब नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने सीधे-सीधे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को सवालों के कठघरे में खड़ा कर दिया है. तेजस्वी ने सीएम से एक के बाद एक पंद्रह सवाल पूछे हैं. ये पंद्रह सवाल बिहार की शराबबंदी से जुड़े हैं. 


तेजस्वी ने बिहार में शराब के आने से लेकर उसकी बिक्री, पुलिस प्रशासन की कार्रवाई और राजनीतिक सहभागिता से जुड़ी बातों का जिक्र किया है. तेजस्वी ने अपने फेसबुक पर इन पंद्रह सवालों के साथ लंबा-चौड़ा पोस्ट किया है. तेजस्वी ने लिखा है- 'चंद चुनिंदा अधिकारियों के चश्मे से ही बिहार के हर हालात और घटना को देखने वाले माननीय मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार क्या इन ज्वलंत सवालों के जवाब दे पाएँगे?'


तेजस्वी के पंद्रह सवाल :  

  1. बिहार में आए दिन शराब की कथित बड़ी बड़ी ख़ेप पकड़ाती है, जब्त किए गए शराब और गाड़ी की पुनः तस्करों के हवाले करने के लिए थानों से ही बोली लगती है जिसका बड़ा हिस्सा प्रशासन व पुलिस के अफसरों और सत्तारूढ़ नेताओं के जेबें गरम करती हैं, क्या मुख्यमंत्री को इस बात की जानकारी नहीं है? बिल्कुल है!
  2. बिहार में दूसरे राज्यों से शराब आता है तो बिहार सीमा के अलावा औसतन 4-5 जिलों से होते हुए अपने गंतव्य स्थल तक पहुँचता है। बिना विभिन्न जिलों के प्रशासन, मद्य निषेध एवं उत्पाद विभाग व पुलिस के शीर्ष अफसरों की आपसी मिलीभगत, तालमेल और तय हिस्सेदारी के क्या इसका पहुँचना संभव है?
  3. क्या मुख्यमंत्री नहीं जानते कि बिहार में शराब सिर्फ़ और सिर्फ़ बोतल में बंद है लेकिन चारों तरफ़ थानों और प्रशासन की निगरानी में हर चौक-चौराहे से शराब की खुलेआम धड़-धड़ल्ले से बिक्री होती है?
  4. क्या श्री नीतीश कुमार नहीं जानते कि शराब तस्करों को दी जा रही छूट के बदले मिलने वाली राशि के बल पर ही उनकी पार्टी बिहार की सबसे धनी पार्टी बन गई है?
  5. क्या यह संभव है कि नीतीश कुमार नहीं जानते कि शराबबंदी कानून के लचर कार्यान्वयन के कारण राज्य में 20 हज़ार करोड़ की एक समानांतर अवैध अर्थव्यवस्था खड़ी हो गई है जिसके सबसे बड़े लाभार्थी जदयु भाजपा में बैठे शराब माफिया के लोग, सरकारी अफसर और पुलिस प्रशासन के लोग हैं?
  6. बिहार में आज तक शराबबंदी पुख्ता तरीके से लागू नहीं हो पा रहा है क्योंकि इसे लागू करने वाले व्यक्ति के मन में ही खोट है। नीतीश कुमार ने बड़ी कुटिलता से शराबबंदी से होने वाले अवैध आय को अपनी पार्टी की रीढ़ की हड्डी बना लिया है!
  7. आज तक शराब माफिया से मिलीभगत पर किसी वरिष्ठ अफसर या सत्तारूढ़ नेता पर कार्रवाई नहीं हुई है। जबकि भाजपा जदयु के नेताओं के विरुद्ध लगातार सबूत मिलते रहे हैं, ये नेता पकड़ाए भी जा रहे है इनके वीडियो भी सामने आते रहे है।
  8. आज तक शराबबंदी कानून में कोई पैसेवाला या रसूखदार जेल नहीं गया है। सभी पैसे देकर छूट जाते हैं पर 3 लाख से अधिक गरीब-दलित वर्गों के लोग, जो पुलिस व प्रशासन की लोभी जेबों को गरम करने के योग्य नहीं थे, का जीवन खराब कर दिया गया। 
  9. जो लोग शराबबंदी कानून में जेलों में बंद हैं, लगभग वो सभी दलित, अतिपिछड़े व गरीब पृष्ठभूमि से आते हैं। उनके जेल में रहने से उनके परिवार आर्थिक, शारीरिक, मानसिक और सामाजिक रूप से प्रभावित हुए हैं।
  10. मुख्यमंत्री प्रवचन देकर अपनी जिम्मेदारी से पल्ला नहीं झाड़ सकते। कानून व्यवस्था उनके ही जिम्मे है। पुलिस प्रशासन उन्हीं के अधीन है। शराबबंदी की नाकामी नीतीश कुमार की नाकामी है। और हर जहरीली शराब कांड में जाने वाली जानों के जिम्मेदार नीतीश कुमार खुद हैं।
  11. क्या शराबबंदी से उत्पन्न संस्थागत भ्रष्टाचार और संस्थागत हत्याओं के ज़िम्मेवार केवल और केवल माननीय मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार नहीं है?
  12. मुख्यमंत्री बतायें, शराबबंदी के नाम पर अपने प्रिय नज़दीकी अधिकारियों संग हुई हज़ारों समीक्षा बैठकों में चाय-बिस्कुट और पकौड़ों की खपत के अलावा धरातल पर इन बैठकों का कोई सकारात्मक परिणाम सामने आया?
  13. क्या मुख्यमंत्री नहीं जानते कि उनके अधीन पुलिस उन्हीं की आँखों में धूल झोंकती है? 50 ट्रक शराब की तस्करी कराने के बाद पुलिस एक पुराना ट्रक ज़ब्त दिखाती है जिसमें दिखावे के लिए सीमित मात्रा में शराब और बाक़ी पेटियों और बोतलों में बनावटी रंग भरा होता है। क्या बिहार की इंटेलिजेन्स, पुलिस और गृह विभाग इस सच्चाई से अवगत नहीं है?
  14. नवादा, मुज़फ़्फ़रपुर, समस्तीपुर, गोपालगंज, बेतिया, बक्सर इत्यादि ज़िलों में ज़हरीली शराब से हुई सैंकड़ों मौतों का ज़िम्मेवार कौन है?
  15. लगभग 6 वर्ष बाद भी शराबबंदी क़ानून सही से लागू नहीं हो पाया एवं उसका अपेक्षित परिणाम सामने नहीं आया तो उसका ज़िम्मेवार कौन है? क्या यह विशुद्ध रूप से गृहमंत्री सह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अदूरदर्शिता, असफलता और कमजोर नेतृत्व क्षमता का परिचायक नहीं है?


गौरतलब है कि बीते दिनों बिहार के 3 जिलों में बीते 4 दिनों में जहरीली शराब पीने से 41 लोगों की मौत हो चुकी है. इसमें समस्तीपुर के 4 मृतक भी शामिल हैं. वहीं, 6 लोगों की हालत गंभीर है. इनमें 3 की आंखों की रोशनी जा चुकी है. मरने वालों में गोपालगंज से 20, बेतिया से 17 और समस्तीपुर से BSF और आर्मी के 1-1 जवान समेत 4 लोग शामिल हैं.