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1st Bihar Published by: Pranay Raj Updated Sun, 05 Apr 2020 06:15:54 PM IST
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NALANDA : सरकार लाख दावे कर ले लेकिन ग्राउंड रियलिटी कुछ और ही है। सरकार लॉकडाउन में अनाज बटंवाने का दावा तो कर रही है किसी को भूखा नहीं छोड़ने का प्रण तो ले रही है लेकिन खुद सीएम नीतीश कुमार के गृह जिले की सच्चाई जानकर सन्न रह जाएंगे आप। ग्रामीणों ने यहां तक कह दिया सरकार हम तो कोरोना से नहीं भूखे ही मर जाएंगे।
नालंदा जिले के महानंदपुर गांव में आपको ले चलते हैं। जहां लॉकडाउन के बीच अनाज के लिए गुहार लगा रहे हैं लेकिन उनकी सुनने वाला कोई नहीं है। ग्रामीणों का धैर्य़ अब जवाब दे रहा है। ग्रामीणों का आरोप है कि जब वे अनाज लाने जाते है तो डीलर यह कहकर भगा देता है कि उजले कार्ड धारियों को सरकार द्वारा अनाज नहीं दिए जाने का निर्देश दिया गया है ।ग्रामीण बताते हैं कि पिछले चार सालों से उनके पास कार्ड रहते हुए भी उन्हें आजतक अनाज का एक दाना नहीं मिला अब तो लॉकडाउन के बीच अनाज नहीं मिलने से भूखों मरने की नौबत आ गयी है।
कोरोनावायरस को लेकर पूरे देश में लॉकडाउन के बीच अब नालंदा के इस गांव में गरीबों का चूल्हा ठंडा पड़ने लगा है ।लोगों के सामने दो जून की रोटी की समस्या उत्पन्न हो गई है । रोजी-रोजगार सब बंद पड़ा है। कहां से लाए कैसे खाएं?
हालात इतने खराब होने के बावजूद अधिकारी दावा करने से नहीं चूकते। अधिकारियों को आदेश देकर 'ऑल इज वेल' नजर आने लगता है। एसडीओ जनार्दन प्रसाद अग्रवाल ने बताया कि लॉकडाउन को देखते हुए सभी डीलरों को निर्देश दिया गया है कि जिन किन्हीं के पास किसी प्रकार का कार्ड है उन्हें अनाज उपलब्ध कराएं। उन्होंने बताया कि जांच कर डीलर पर कार्रवाई की जाएगी ।