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1st Bihar Published by: Updated Sat, 27 Jun 2020 03:14:02 PM IST
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DESK : अब तक जिन लोगों को माइल्ड या मीडियम कलर ब्लाइंडनेस की वजह से ड्राइविंग लाइसेंस नहीं मिल पा रहा था उनके लिए अच्छी खबर है. केंद्र सरकार ने इन लोगों को भी लाइसेंस जारी करने का आदेश दिया है. इस बारे में रोड ट्रांसपोर्ट एंड हाइवे मिनिस्ट्री ने ट्वीट कर जानकारी दी है. पर इस सुविधा को हासिल करने के लिए आवेदन फॉर्म में ये बताना होगा की वह माइल्ड या मीडियम कलर ब्लाइंड है, न कि सीरियस कलर ब्लाइंड. इस नियम को लागू करने के लिए मंत्रालय को केंद्रीय मोटर वाहन अधिनियम 1989 में संशोधन करना पड़ा है.
फॉर्म में किये गए बदलाव :
परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने बताया कि कलर ब्लाइंडनेस की समस्या वाले लोगों की मांग को ध्यान में रखते हुए मंत्रालय ने केंद्रीय मोटर वाहन नियम 1989 के फॉर्म 1 और 1ए में बदलाव किया है ताकि इन लोगों को ड्राइविंग लाइसेंस जारी किया जा सके. इसके लिए केंद्रीय मोटर वाहन कानून में संशोधन कर गजट नोटिफिकेशन जारी कर दिया गया है. बता दें कि, पहले ड्राइविंग लाइसेंस के फॉर्म 1 और 1ए में कुछ सवाल थे जो ऐसे लोगों को लाइसेंस जारी करने की राह में अड़चन पैदा करते थे.
मेडिकल फिटनेस सर्टिफिकेट जरूरी :
इस फैसले को लेने से पहले खबर है कि मंत्रालय ने अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के नेत्र रोग विशेषज्ञ से सुझाव लेने के बाद अनुमति दी है. हालांकि, आवेदक को आवेदन देने से पहले मेडिकल फिटनेस का सर्टिफिकेट लेना जरूरी होगा जिसके आधार पर लाइसेंस जारी होगा.
क्या है कलर ब्लाइंडनेस
जिन लोगों को कलर ब्लाइंडनेस की समस्या होती है उन्हें अलग-अलग रंगों की पहचान करने में दिक्कत आती है. सामान्य लोगों के मुकाबले इन्हें रंगों में अंतर करने की क्षमता कम होती है. बरहाल देखने में कोई समस्या नहीं होती.