कांग्रेस को बड़ा करना होगा दिल, तीन राज्यों में हार के बाद RJD सांसद ने दी बड़ी सलाह, कहा ... अलग-अलग दल में दिक्कतें तो आएंगी

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Mon, 04 Dec 2023 02:16:03 PM IST

कांग्रेस को बड़ा करना होगा दिल, तीन राज्यों में हार के बाद RJD सांसद ने दी बड़ी सलाह, कहा ... अलग-अलग दल में दिक्कतें तो आएंगी

- फ़ोटो

PATNA : तीन राज्यों की विधानसभा चुनाव में मिली जीत के बाद भाजपा गदगद है। प्रधानमंत्री मोदी ने जीत के बाद कार्यकर्ताओं और देश की जनता को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने विपक्ष पर जमकर निशाना साधा है। इसके बाद अब इस पुरे मामले में विपक्ष के तरफ से भी पीएम मोदी को तगड़ा जवाब दिया गया है। राजद सासंद मनोज झा ने पीएम मोदी पर हमला करते हुए कहा कि - विपक्ष को आतंकवादी कहना ये साकारात्मक राजनीति है? ये निगेटीविटी की पराकाष्ठा है। वहीं, मनोज झा ने बातों ही बातों में कांग्रेस को भी बड़ा संदेश दे दिया।  


राजद नेता मनोज झा ने पीएम मोदी पर हमला करते हुए कहा कि-  हम और हमारा दल हमेशा मानता है कि आपका विमर्श भी साकारात्मक होनी चाहिए, लेकिन प्रधानमंत्री जी देश में जो हाहाकार है। आप चुनाव जीतने के लिए मल्टी फैक्टर हैं, लेकिन कर्नाटक यदि आपने कर्नाटक चुनाव के बाद भी यही कहा होता तो मैं मानता कि आपका ह्रदय बड़ा है।


मनोज झा ने पीएम पर कटाक्ष करते हुए आगे कहा कि आप हर जीत-हार को एक नजरिये से देखते हैं। तेलंगाना में आप नंबर दो पर उछल रहे थे। आज आप कहां पर हैं? ऐसा नहीं होता कि दो राज्य का विश्लेषण एक तरह से करें और बाकी दो राज्य का विश्लेषण अलग तरीके से करें। कोई भी चुनाव कई फैक्टर पर ऑपरेट होता है। जाहिर है कि जो सरकार अच्छा करेगी अगर इसके बावजूद वह चुनकर सत्ता में नहीं आ रही है तो हो सकता है इसका कुछ और कारण होगा। ध्रुवीकरण से भी हम इनकार नहीं कर सकते हैं। आपके एक लोग लड़ रहे थे राजस्थान में उसके लिए योगी आदित्यनाथ कई कैंपेन में आए।



वहां पर क्या जुबान बोली जा रही थी? तो प्रधानमंत्री जो जुबान से जहर घोला जा रहा है। आप चुनाव तो जीत जाते हैं, लेकिन कई दफा देश का मिजाज हार जाता है। दोनों के बीच के फासले को खत्म कीजिए और ये शुरुआत आपको करनी होगी। हम अलग-अलग दल क्यों हैं, अगर एक चीज पर सहमत होते तो हम एक दल न होते, अलग-अलग दल क्यों हैं। दिक्कतें आएंगी, लेकिन दिक्कतों का सामना उससे बाहर भी निकलेंगे। कांग्रेस को भी थोड़ा दिल बड़ा करके आईएनडीआईए गठबंधन की सामूहिकता के प्रति संवेदनशील होना होगा।