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कोरोना के खिलाफ जंग जीतने की नई उम्मीद, अब DRDO की नई दवा कोरोना को हराएगी

1st Bihar Published by: Updated Sun, 09 May 2021 11:28:56 AM IST

कोरोना के खिलाफ जंग जीतने की नई उम्मीद, अब DRDO की नई दवा कोरोना को हराएगी

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DESK: पूरे देश में कोरोना का कहर जारी है। इस महामारी के बीच DRDO (रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन) की नई दवा ने कोरोना से जंग जीतने की नई उम्मीद जगायी है। इस दवा का उपयोग आपात स्थिति में कोरोना संक्रमित मरीजों पर किया जाएगा। ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया ने इसकी मंजूरी दे दी है। 2-डीआक्सी-डी-ग्लूकोज (2-DG) नाम की इस दवा से मरीजों में ऑक्सीजन की कमी को कम किया जा सकेगा। ऐसे में इसके उपयोग से ऑक्सीजन पर निर्भरता कम हो जाएगी। इस बात की जानकारी डीआरडीओ ने दी है।


DRDO ने बताया कि ट्रायल के दौरान दवा लेने वाले कई लोगों का RTPCR टेस्ट नेगेटिव पाया गया। 2DG दवा से मरीज की रिकवरी भी जल्द हुई। ऐसे में यह दवा कोरोना संक्रमण से जूझ रहे मरीजों के लिए बेहद लाभदायक साबित होगा। यह दवा कोरोना के मरीजों को अस्पताल में इलाज के दौरान दी जा सकती है। डीआरडीओ ने बताया है कि इसका उत्पादन आसानी से किया जा सकता है। देशभर में जल्द ही इसे उपलब्ध कराया जाएगा। इस दवा में जेनेरिक मॉलिक्यूल हैं और यह ग्लूकोस जैसा ही है। 



यह दवा एक पाउडर के रूप में सैशे में आती है जिसे पानी में घोलकर दिया जा सकता है। डीआरडीओ की रिसर्च लैब इंस्टीट्यूट आफ न्यूक्लियर एंड एलायड साइंसेज में डॉ. रेड्डीज लेबोरेटरीज, हैदराबाद के सहयोग से विकसित इस दवा का क्लीनिकल ट्रायल सफल रहा है। ये वायरस से प्रभावित सेल्स में जाकर जम जाती है और वायरस सिंथेसिस व एनर्जी प्रोडक्शन को रोककर वायरस को बढ़ने से रोकती है।



गौरतलब है कि डीआरडीओ और इनमास के वैज्ञानिकों ने अप्रैल 2020 में इस दवा को विकसित करने पर काम शुरू किया था। हैदराबाद स्थित सेंटर फार सेल्युलर एंड मॉलीक्युलर बायोलॉजी के सहयोग से लेबोरेटरी टेस्ट में पाया गया कि 2-डीजी कोरोना के वायरस सार्स-सीओवी-2 पर प्रभावकारी है। यह वायरस की ग्रोथ को भी रोकने में सक्षम है। ट्रायल के इस निष्कर्ष के बाद मई, 2020 में डीसीजीआइ और सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ने इसके दूसरे चरण के ट्रायल की अनुमति दी। डीआरडीओ और रेड्डीज लेबोरेटरीज ने इसके बाद दवा के प्रभाव का आकलन करने के लिए मई से अक्टूबर तक क्लीनिकल ट्रायल किया। दवा को सुरक्षित और कोरोना मरीजों के लिए सही पाया गया।



फेज टू का ट्रायल पहले 11 अस्पतालों में किया गया। इस क्रम में 110 मरीजों पर इसका असर जांचा परखा गया। ट्रायल के आधार पर आकलन में पाया गया कि 2-डीजी दवा का इस्तेमाल करने वाले मरीजों की रिकवरी कम समय में हुई। इस सफलता के बाद डीसीजीआइ ने इसके तीसरे फेज के ट्रायल की अनुमति दी। नवंबर से मार्च 2021 तक दिल्ली, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, बंगाल, तेलंगाना, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु्, गुजरात और महाराष्ट्र के 27 अस्पतालों में इसका क्लीनिकल ट्रायल हुआ।



इसमें पाया गया कि 2-डीजी दवा लेने वाले मरीज कोरोना की तय मानक दवाओं के सेवन वाले मरीजों के मुकाबले ज्यादा तेजी से रिकवर हुए और उनकी आक्सीजन पर निर्भरता भी काफी कम हो गयी। 65 साल से अधिक उम्र के मरीजों में भी यही ट्रेंड देखा गया। जिसके बाद एक मई को DCGI ने इस दवा के आपात इस्तेमाल की अनुमति दे दी। खास बात यह है कि 2-डीजी जनरिक दवा है और इसे देश में बड़ी मात्रा में आसानी से बनाया जा सकता है। कोरोना की दूसरी लहर में आक्सीजन की कमी के चलते गंभीर स्थिति का सामना कर रहे मरीजों की हालत को देखते हुए यह दवा भविष्य में इस हालात को रोकने में बेहद कारगर साबित हो सकती है।