Bihar Crime News: बिहार में भूमि विवाद सुलझाने पहुंची पुलिस टीम पर हमला, डायल 112 के जवानों ने भागकर बचाई जान; 18 लोगों पर केस दर्ज बिहार में जीविका योजना से बदली महिलाओं की जिंदगी, 57 हजार करोड़ का मिला ऋण Bihar Politics: ‘नीतीश कुमार का विकास शहरों तक ही सीमित’ चचरी पुल के उद्घाटन के मौके पर बोले मुकेश सहनी Bihar Politics: ‘नीतीश कुमार का विकास शहरों तक ही सीमित’ चचरी पुल के उद्घाटन के मौके पर बोले मुकेश सहनी Kishtwar Cloudburst: किश्तवाड़ में बादल फटने से अबतक 33 की मौत, 100 से अधिक लोग घायल; रेस्क्यू ऑपरेशन जारी Kishtwar Cloudburst: किश्तवाड़ में बादल फटने से अबतक 33 की मौत, 100 से अधिक लोग घायल; रेस्क्यू ऑपरेशन जारी Bihar News: दरभंगा एयरपोर्ट पर यात्रियों का हंगामा, नाइट लैंडिंग नहीं होने से बढ़ी परेशानी Bihar News: दरभंगा एयरपोर्ट पर यात्रियों का हंगामा, नाइट लैंडिंग नहीं होने से बढ़ी परेशानी अपने प्रिय मित्र सतीश कौशिक की याद में Anupam Kher ने शुरू किया यह नेक काम, अब विश्व भर में हो रही सराहना Bihar Politics: तेजस्वी यादव ने चुनाव आयोग को बताया BJP की B टीम, दो वोटर आईडी को लेकर खूब बरसे
1st Bihar Published by: Updated Fri, 17 Jul 2020 09:19:10 PM IST
- फ़ोटो
PATNA : पटना में लगातार गहराते जा रहे कोरोना संकट के बीच मेयर सीता साहू के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया गया है. पटना नगर निगम के 41 पार्षदों ने मेयर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस दिया है. पार्षदों ने मेयर के खिलाफ कई गंभीर आरोप लगाये हैं.
मेयर पर गंभीर आरोप, 15 दिनों में करानी होगी वोटिंग
पटना नगर निगम के 41 पार्षदों ने मेयर सीता साहू के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस दिया है. अविश्वास प्रस्ताव में मेयर के खिलाफ 10 गंभीर आरोप लगाए गए हैं. इनमें भ्रष्टाचार से लेकर दूसरे आरोप लगाये गये हैं. सरकारी नियमों के मुताबिक मेयर के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव के आवेदन पर नगर निगम प्रशासन को सात दिनों में फैसला लेना होगा. इसके बाद निगम प्रशासन को 15 दिनों के भीतर अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान कराने के लिए बैठक बुलाना होगा. गंभीर बात ये है कि पटना कोरोना के गंभीर संकट से जूझ रहा है. पटना नगर निगम के भी कई लोग कोरोना पॉजिटिव पाये गये हैं. ऐसे में मेयर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग के लिए काफी मशक्कत करनी होगी.
एक साल के बाद फिर से अविश्वास प्रस्ताव
बिहार सरकार के खिलाफ किसी मेयर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव के एक साल बाद ही फिर से ऐसा प्रस्ताव लाया जा सकता है. इसी नियम के कारण पिछले अविश्वास प्रस्ताव के एक साल पूरा होते ही मेयर के खिलाफ दूसरी बार अविश्वास प्रस्ताव लाया गया है. इससे पहले पिछले साल 29 जून को मेयर सीता साहू के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया गया था. इस प्रस्ताव पर तीन जुलाई को वोटिंग हुई थी और मेयर ने बडे आराम से अपनी कुर्सी बचा ली थी.
सेटिंग से बची थी पिछले दफे कुर्सी
हालांकि पिछली बार लाये अविश्वास प्रस्ताव को मेयर की ही सेटिंग बताया गया था. दरअसल किसी मेयर के चुने जाने के दो साल बाद उस के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया जा सकता है. विरोधी गुट की ऱणनीति को नाकाम करने के लिए मेयर समर्थक पार्षदों ने ही अविश्वास प्रस्ताव दे दिया था. पिछले दफे के प्रस्ताव पर सिर्फ 26 पार्षदों के हस्ताक्षर थे. दिलचस्प बात ये थी कि अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा और वोटिंग के लिए जब नगर निगम की बैठक हुई तो महज 44 पार्षद बैठक में पहुंचे और इसमें से 12 ने ही वोटिंग में भाग लिया. इसमें से सिर्फ दो ने अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में और 10 पार्षदों ने अविश्वास प्रस्ताव के विरोध में वोट डाला था. मेयर समर्थक खेमा अपनी रणनीति से कुर्सी बचाने में कामयाब रहा था.
इस बार मेयर को हटाने की पूरी तैयारी
इस दफे मेयर विरोधी खेमे में पूरी रणनीति के साथ अविश्वास प्रस्ताव लाया है. पहले मेयर समर्थक माने जाने वाले कई पार्षदों ने भी इस दफे अविश्वास प्रस्ताव पर हस्ताक्षर किये हैं. चर्चा ये है कि मेयर समर्थक पार्षदों में बडी सेंधमारी हो गयी है. लिहाजा कुर्सी बचा पाना मुश्किल होगा. हालांकि मेयर खेमा अभी भी ये दावा कर रहा है कि जब वोटिंग होगी तो अविश्वास प्रस्ताव पर हस्ताक्षर करने वाले कई पार्षद पाला बदल लेंगे.