ब्रेकिंग न्यूज़

Bihar News: बिहार में निर्माणाधीन सेप्टिक टैंक में दम घुटने से मजदूर की मौत, दूसरे की हालत गंभीर Bihar News: बिहार में निर्माणाधीन सेप्टिक टैंक में दम घुटने से मजदूर की मौत, दूसरे की हालत गंभीर India Largest Airport: यहां मौजूद है भारत का सबसे बड़ा एयरपोर्ट, दिल्ली और मुंबई के हवाई अड्डे भी इसके सामने हैं फेल Jacob Bethell: 136 साल पुराना रिकॉर्ड तोड़ने जा रहा इंग्लैंड का यह नौजवान क्रिकेटर, अचानक इस फैसले से हैरान हुए तमाम क्रिकेट फैंस Bihar News: 10 सूत्री मांगों को लेकर बिहार में कर्मचारियों की हड़ताल, कामकाज पूरी तरह ठप; सहकारिता मंत्री को सौंपा गया ज्ञापन Krishna Janmashtami 2025: आज है कृष्ण जन्माष्टमी, जानें... कैसे करें बाल गोपाल का श्रृंगार और प्रसाद अर्पित AMCA: 5वीं पीढ़ी का देसी फाइटर जेट जल्द भरेगा उड़ान, राफेल, Su-57 और F-35 को मिलेगी कड़ी टक्कर ऑस्ट्रेलिया को पहला विश्वकप जिताने वाले Bob Simpson का निधन, कई दिग्गज क्रिकेटर इन्हें मानते थे अपना गुरु Bihar Weather: बिहार के 15+ जिलों में आज बारिश की संभावना, मौसम विभाग का अलर्ट जारी Bihar News: एक्सरसाइज के दौरान सातवीं के छात्र को आया हार्ट अटैक, देखते ही देखते चली गई जान

नाबालिगों की शादी को कोर्ट ने वैध माना, बिहारशरीफ की अदालत ने क्यों लिया ऐतिहासिक फैसला?

1st Bihar Published by: Updated Tue, 23 Mar 2021 07:16:28 AM IST

नाबालिगों की शादी को कोर्ट ने वैध माना, बिहारशरीफ की अदालत ने क्यों लिया ऐतिहासिक फैसला?

- फ़ोटो

NALANDA : नाबालिगों की शादी को देश में गैरकानूनी माना जाता है लेकिन बिहारशरीफ की एक अदालत ने जो ऐतिहासिक फैसला दिया है उसके मुताबिक दो नाबालिगों की शादी को वैध करार दिया गया है। कोर्ट ने 16 साल की लड़की और 14 साल के लड़के की शादी की शादी को वैध माना है। बिहारशरीफ की निचली अदालत ने यह ऐतिहासिक फैसला मानवीय मूल्यों को ध्यान में रख कर दिया है। 


बिहारशरीफ स्थिति किशोर न्याय परिषद के प्रधान दंडाधिकारी मानवेंद्र मिश्र ने महज 3 दिनों की सुनवाई में एक ऐसे मामले का निपटारा किया है जो अपने आप में ऐतिहासिक है। जज मानवेंद्र मिश्रा ने नाबालिग किशोर और किशोरी की शादी को वैध करार दे दिया है। कोर्ट ने दोनों नाबालिगों की 8 माह की मासूम बच्ची को ध्यान में रखकर यह फैसला दिया है। कोर्ट ने अपने फैसले में जेल में बंद आरोपित किशोर को रिहा करने का आदेश दिया और 8 माह की मासूम बच्ची को उसके दादा दादी के घर पहुंचने का रास्ता भी साफ कर दिया। 


सूबे का यह पहला ऐसा मामला है जिसमें नाबालिगों की शादी को कानूनन वैध करार दिया गया हो। इन दोनों की 8 महीने की बच्ची को उसका हक देने और माता-पिता के प्यार से महरूम नहीं रहने के लिए कोर्ट ने यह फैसला सुनाया। हालांकि फैसला सुनाते हुए जज ने यह भी कहा कि इस फैसले को आधार बनाकर किसी अन्य मामले में इसका लाभ नहीं लिया जा सकता। जज ने जिला बाल संरक्षण इकाई और हिलसा बाल कल्याण पुलिस पदाधिकारी को बच्चे और किशोर दंपति की उचित देखभाल और संरक्षण के संबंध में हर 6 महीने पर रिपोर्ट देने के लिए भी कहा है। मासूम बच्ची के भविष्य को देखते हुए कोर्ट ने यह फैसला सुनाया है।