Most Exported Scooter: विदेशों में इस स्कूटर की मांग सबसे ज्यादा, एक्टिवा हो या जुपिटर, इसके आगे सभी फेल Bihar News: दो महिला और एक पुरूष अधिकारी ने ग्रुप में कर लिया विवाद, कृषि विभाग ने लिया कड़ा एक्शन...जारी किया यह आदेश How to sleep fast: नींद नहीं आती? अपनाएं 4-7-8 ब्रीदिंग तकनीक, मिनटों में आ जाएगी गहरी नींद Vigilance Case: निगरानी ने अफसरों-कर्मियों के खिलाफ दर्ज करप्शन केस की कुंडली सार्वजनिक की, सभी विभागों के ACS- सचिव को भेजी गई रिपोर्ट,जानें... Ayurvedic fruit eating tips: गर्मियों में ऐसे खायेंगे फल तो मिलेगा डबल फायदा, वरना हो सकता है नुकसान Bihar Weather: बिहार के इन 8 जिलो में अगले 2 दिनों तक हीट वेव का अलर्ट, पिछले 24 घंटे में इन 10 प्रखंडों का सबसे ज्यादा रहा तापमान Bihar Teacher: होमवर्क न करने पर शिक्षक ने दिखाई बर्बरता, छात्र की जमकर की पिटाई, फटा कान का पर्दा Rahul Gandhi Bihar visit: बिहार दौरे के जरिए कांग्रेस का दलितों को साधने का नया प्लान? राहुल गांधी पटना में देखेंगे ‘फुले’ फिल्म, दलित छात्रों से करेंगे संवाद BrahMos Missile: पाकिस्तान में कोहराम मचाने के बाद दुनिया हुई ब्रह्मोस की मुरीद, चीन के दुश्मन समेत 17 देशों की दिलचस्पी Sensex Nifty: भारत-पाक तनाव में नरमी से शेयर बाजार में उछाल...सेंसेक्स 2000 अंक चढ़ा, 10 सेकंड में निवेशकों की दौलत ₹10.59 लाख करोड़ बढ़ी
1st Bihar Published by: Updated Tue, 21 Jan 2020 11:54:56 AM IST
- फ़ोटो
PATNA: नये साल के साथ चुनावी रणभेरी भी बज चुकी है. इसी साल बिहार में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. जिसपर पूरे देश की नजरें टिकी हुई हैं. बिहार में सुशासन बाबू के नेतृत्व में ही एनडीए गठबंधन चुनावी मैदान में उतरेगी. नरेंद्र मोदी को नीतीश कुमार के चेहरे पर पूरा भरोसा है. लिहाजा एनडीए की तरफ से ये क्लीयर है कि नीतीश कुमार के चेहरे पर ही बिहार में चुनाव लड़ा जाएगा. वहीं इसी फरवरी महीने में दिल्ली में भी विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. जिसे लेकर दिल्ली के रण में बिहार की दो बड़ी पार्टियां उतर चुकी हैं.
बिहारी वोटर्स पर है नजर
दिल्ली में बिहारियों की बड़ी आबादी है, लिहाजा आम आदमी पार्टी को टक्कर देने के लिए बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही पार्टियां बिहारी वोटर्स को अपने फेवर में करने के लिए जेडीयू और आरजेडी का साथ चाहती है. नीतीश और लालू-तेजस्वी के सहारे बीजेपी और कांग्रेस अपनी नैय्या पार कराना चाहती है. बिहार में महागठबंधन की दो बड़ी पार्टियां दिल्ली के चुनावी मैदान में उतर चुकी हैं. 70 सीटों में से कांग्रेस ने आरजेडी को 4 सीटें दे दी हैं. कांग्रेस-आरजेडी गठबंधन में सीटों को लेकर लंबा मोलभाव का दौर चला, जिसके बाद आरजेडी को 4 सीटें मिली. पूर्वांचल वोटर्स को देखते हुए आरजेडी ने पहले 7 फिर 5 सीटों की डिमांड रखी लेकिन कांग्रेस आलाकमान इसके लिए तैयार नहीं हुई लिहाजा 4 सीटों से ही आरजेडी को संतोष करना पड़ा.
BJP ने JDU को दी 2 सीटें
बात करें जेडीयू की तो पहले नीतीश कुमार ने दिल्ली की सभी 70 सीटों पर चुनाव लड़ने की बात कही थी. दिल्ली में जेडीयू के अलग से चुनाव लड़ने पर बीजेपी को नुकसान हो सकता था, लिहाजा अमित शाह ने जेडीयू से गठबंधन करके जेडीयू को 2 सीटें दे दी. अब बीजेपी के पास बची 68 सीटों में से बीजेपी को शीरोमणी अकाली दल को भी सीट देनी पड़ेगी.
अस्तित्व की लड़ाई लड़ रही बीजेपी-कांग्रेस
दिल्ली में कांग्रेस और बीजेपी दोनों अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रही है. 2015 में आप की आंधी में कांग्रेस का सूपड़ा साफ हो गया था, कांग्रेस अपना खाता भी नहीं खोल पाई थी, तो बीजेपी को महज 3 सीटें मिली थी. लिहाजा बीजेपी और कांग्रेस हर हाल में केजरीवाल के विजय रथ को रोकना चाहती है. इसलिए देश की दो बड़ी पार्टियां बिहारी चेहरों के साथ दिल्ली चुनाव की नैय्या पार करना चाहती हैं.
JDU ने उम्मीदवारों का किया ऐलान
कांग्रेस के साथ हुए समझौते के तहत आरजेडी बुराड़ी, किराड़ी, उत्तम नगर और पालम सीट पर अपने उम्मीदवार उतारेगी. इन क्षेत्रों में बिहार से जुड़े मतदाताओं की संख्या अच्छी है. वहीं जेडीयू ने दिल्ली चुनाव के लिए अपने दोनों उम्मीदवारों के नामों का ऐलान भी कर दिया है. बुराड़ी विधानसभा सीट पर शैलेंद्र कुमार को उम्मीदवार बनाया गया है तो संगम बिहार से डॉ. एच.सी.एल. गुप्ता को टिकट मिला है. इन दोंनों ही सीटों पर पूर्वांचल के मतदाताओं का अच्छा प्रभाव है. कांग्रेस ने जहां कीर्ति आजाद को चुनाव की कमान सौंपी हैं तो वहीं बीजेपी की बागडोर मनोज तिवारी के हाथों में है.
'सुशासन बाबू' की छवि को भुनाने की कोशिश
बीजेपी सुशासन बाबू की छवि को दिल्ली में भुनाना चाहती है. तो कांग्रेस लालू-तेजस्वी के सहारे दिल्ली विजय का सपना देख रही है. दिल्ली चुनाव में बिहार की दो बड़ी पार्टियां सीधे चुनावी मैदान में हैं. एक तरफ नीतीश कुमार तो वहीं दूसरी ओर लालू-तेजस्वी. अब देखने वाली बात ये होगी कि दिल्ली चुनाव में क्या सुशासन बाबू का जादू चलेगा या फिर लालू-तेजस्वी कमाल कर पाएंगे.