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1st Bihar Published by: Updated Mon, 21 Feb 2022 06:52:45 AM IST
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PATNA : संगठित क्षेत्र के अंदर काम करने वाले वैसे कर्मी जिन्हें 15000 रुपये से अधिक का मूल वेतन मिलता है उनके लिए अब सरकार नई पेंशन योजना लाने पर विचार कर रही है। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन इसकी तैयारी में है। 15000 रुपये से अधिक मूल वेतन पाने वाले या कर्मचारी पेंशन योजना 1995 के तहत अनिवार्य रूप से नहीं आने वाले कर्मियों के लिए यह नई पेंशन योजना लाने पर विचार किया जा रहा है।
सूत्रों की मानें तो पीएफओ के सदस्यों ने उनके योगदान पर अधिक पेंशन की मांग की है। इसके बाद उन लोगों के लिए नई पेंशन योजना लाने के लिए विचार किया जा रहा है जिनका वेतन 15000 रुपये से अधिक है। आगामी 11 और 12 मार्च को गुवाहाटी में ईपीएफओ की मीटिंग में चर्चा के बाद इस मसले पर कोई फैसला सामने आ सकता है। गुवाहाटी में केंद्रीय न्यासी बोर्ड यानी सीबीटी की महत्वपूर्ण बैठक होने वाली है।
बीते साल नवंबर महीने में ही पेंशन से जुड़े मसले पर गठित एक उप समिति ने अपनी रिपोर्ट तैयार की है या रिपोर्ट आने के बाद सीबीटी इस पर चर्चा करेगा सूत्रों की मानें तो ऐसे ईपीएफओ अंशधारक जिन्हें 15000 रुपये से अधिक मासिक वेतन मिल रहा है लेकिन वह ईपीएस-95 के तहत 8.33 फीसदी से कम दर से ही योगदान कर पाते हैं। जिसकी वहज से उन्हें कम पेंशन मिल पाता है।
मौजूदा केंद्र सरकार ने दिसंबर 2016 में लोकसभा में जानकारी दी थी कि कर्मचारी भविष्य निधि और विविध प्रावधान अधिनियम, 1952 के तहत 'कवरेज' के लिए वेतन सीमा 15000 रुपये प्रतिमाह से बढ़ाकर 25000 रुपये मासिक करने का प्रस्ताव ईपीएफओ ने पेश किया था लेकिन इसपर कोई फैसला नहीं हुआ। जानकार बताते हैं कि उन लोगों के लिए एक नए पेंशन उत्पाद की आवश्यकता है जो या तो कम योगदान करने को मजबूर हैं या जो इस योजना की सदस्यता नहीं ले सके हैं, क्योंकि सेवा में शामिल होने के समय उनका मासिक मूल वेतन 15000 रुपये से अधिक था।