ब्रेकिंग न्यूज़

बाढ़ पीड़ितों के लिए भोजपुर के बड़हरा में भोजन वितरण और सामुदायिक किचन का पांचवां दिन Bihar News: बिहार के इन 46 प्रखंडों में खुलेंगे नए प्रदूषण जांच केंद्र, बिहार सरकार दे रही इतनी सब्सिडी Bihar News: बिहार के इन 46 प्रखंडों में खुलेंगे नए प्रदूषण जांच केंद्र, बिहार सरकार दे रही इतनी सब्सिडी Bihar Police News: बिहार के इस जिले के 24 थानों में नये थानाध्यक्षों की तैनाती, SSP के आदेश पर बड़ा फेरबदल Bihar Police News: बिहार के इस जिले के 24 थानों में नये थानाध्यक्षों की तैनाती, SSP के आदेश पर बड़ा फेरबदल Vaishali-Encounter: मारा गया कुख्यात अपराधी, पुलिस के साथ मुठभेड़ में हुआ ढेर--एसटीएफ का एक जवान घायल Bihar Crime News: बिहार में भूमि विवाद सुलझाने पहुंची पुलिस टीम पर हमला, डायल 112 के जवानों ने भागकर बचाई जान; 18 लोगों पर केस दर्ज बिहार में जीविका योजना से बदली महिलाओं की जिंदगी, 57 हजार करोड़ का मिला ऋण Bihar Politics: ‘नीतीश कुमार का विकास शहरों तक ही सीमित’ चचरी पुल के उद्घाटन के मौके पर बोले मुकेश सहनी Bihar Politics: ‘नीतीश कुमार का विकास शहरों तक ही सीमित’ चचरी पुल के उद्घाटन के मौके पर बोले मुकेश सहनी

देश में पहली बार 10 महीने की बच्ची को अनुकंपा पर मिली नौकरी, भारतीय रेलवे ने आखिर क्यों लिया ऐसा फैसला

1st Bihar Published by: Updated Fri, 08 Jul 2022 09:36:23 AM IST

देश में पहली बार 10 महीने की बच्ची को अनुकंपा पर मिली नौकरी, भारतीय रेलवे ने आखिर क्यों लिया ऐसा फैसला

- फ़ोटो

DESK : सरकारी सेवा में कार्यरत किसी कर्मी की सेवा अवधि में निधन के बाद उसके परिवार वालों में से किसी शख्स को अनुकंपा पर नौकरी देने की व्यवस्था रही है. लेकिन, इसके लिए उसकी योग्यता और उम्र की सीमा भी निर्धारित है. अनुकंपा पर नौकरी दिए जाने के मामले में देश के अंदर पहली बार एक ऐसा मामला हुआ है, जो अब से पहले कभी देखने को नहीं मिला. 10 महीने की एक बच्ची को अनुकंपा पर नौकरी दी गई है. भारतीय रेलवे ने यह नौकरी दी है.


दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे (एसईसीआर) ने बयान जारी कर बताया कि बच्ची के पिता राजेंद्र कुमार दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के रायपुर डिवीजन में सहायक के पद पर कार्यरत थे. एक जून को एक सड़क हादसे में बच्ची के माता-पिता दोनों की मौत हो गई थी और वह बच गई थी. राजेंद्र कुमार के परिवार को रेलवे की ओर से सभी सहयोग दिया गया था. जिसके बाद चार जुलाई को एसईसीआर, रायपुर रेल मंडल के कार्मिक विभाग में अनुकंपा नियुक्ति के लिए 10 महीने की बच्ची का पंजीयन किया गया था. 


दरअसल, रेलवे ने छत्तीसगढ़ में एक दुर्घटना में अपने माता-पिता को खोने वाली 10 महीने की बच्ची को अनुकंपा के आधार पर नौकरी दी है. वह 18 वर्ष की होने के बाद रेलवे में काम कर सकती है. राज्य के इतिहास में संभवत: पहली बार इस उम्र की बच्ची को अनुकंपा के आधार पर ऐसा प्रस्ताव दिया गया. दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे की ओर से जारी बयान में बताया गया है कि बच्ची को यह नियुक्ति तात्कालिक सहायता के रूप में दी गई है. जब बच्ची की उम्र 18 साल हो जाएगी, तब काम पर जाएगी.


जानकारी के मुताबिक, बच्ची का नौकरी के लिए रजिस्ट्रेशन करा दिया गया है और जब बच्ची बालिग हो जाएगी तो वह ड्यूटी ज्वाइन कर सकेगी. नौकरी ज्वाइन करते ही उसे सैलरी समेत रेलवे की सभी सुविधाएं मिलने लगेंगी. फिलहाल रेलवे अधिकारियों ने बच्ची के परिवार वालों को उसकी उचित देखभाल और पढ़ाई कराने के लिए कहा है. बता दें कि अनुकंपा के आधार पर नियुक्तियों का उद्देश्य मृत सरकारी कर्मचारियों के परिवारों को तत्काल सहायता प्रदान करना है.