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‘बिहार में 1970 का दशक : राजनीति और मीडिया’ किताब का लोकार्पण, वरिष्ठ पत्रकार डॉ. लीना ने लिखी शोधपरक पुस्तक

1st Bihar Published by: Ajay Deep Chouhan Updated Fri, 25 Sep 2020 10:21:35 PM IST

‘बिहार में 1970 का दशक : राजनीति और मीडिया’ किताब का लोकार्पण, वरिष्ठ पत्रकार डॉ. लीना ने लिखी शोधपरक पुस्तक

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PATNA :  बिहार की वरिष्ठ पत्रकार डॉ. लीना की पुस्तक ‘बिहार में 1970 का दशक, राजनीति और मीडिया’ का लोकार्पण किया गया. जगजीवन राम संसदीय अध्ययन एवं शोध संस्थान, पटना में संस्थान के निदेशक श्रीकांत और वरिष्ठ पत्रकार प्रणव चौधरी ने गुरुवार को डॉ. लीना की पुस्तक ‘बिहार में 1970 का दशक, राजनीति और मीडिया’ का लोकार्पण संयुक्त रूप से किया. लोकार्पण के दौरान मौजूद वरीय पत्रकारों ने भी डॉ. लीना के प्रयास की सराहना करते हुए कहा कि ऐसे विषय पर महिला पत्रकार द्वारा शोधपरक पुस्तक लिखा जाना प्रशंसनीय है.

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संस्थान के निदेशक श्रीकांत ने कहा कि डॉ. लीना का यह प्रयास बहुत अच्छा है. ऐसे विषयों पर ज्यादा से ज्यादा शोध की आवश्यकता है. शोध में स्थानीय अखबारों की और अधिक चर्चा की जरूरत है. उन्होंने कहा कि 1970 के दशक में लोकनायक जयप्रकाश नारायण भी कहते थे कि अख़बार उनकी बातें नहीं छापते और उलटा लिखते हैं.


इस मौके पर पुस्तक की चर्चा करते हुये लेखिका डॉ. लीना ने कहा कि 1970 के दशक में बिहार की राजनीति जेपी आंदोलन और आपातकाल सहित काफी उथल-पुथल वाली रही थी. अलग-अलग विचारधाराओं के प्रति झुकावों के बावजूद उस समय पत्र पत्रिकाओं ने सूचनाओं को छुपाया नहीं और लोगों तक खबरें पहुंचती रहीं, लेकिन इन सबके बाद भी सवाल उठते रहे.



पत्रकार सीटू तिवारी ने राजनीति और मीडिया” पुस्तक की चर्चा करते हुये कहा कि राजनीति और मीडिया पर पुस्तक लिखने वाली महिलाओं की संख्या नहीं के बराबर है. वहीं वरिष्ठ पत्रकार प्रणव चौधरी ने 1970 के दशक के दौर की पत्रकारिता की चर्चा करते हुये कहा कि बिहार में कभी भी पत्रकारिता का सुनहरा वक्त नहीं रहा. 1970 के दशक में ग्रास रूट की चर्चा पत्रकारिता में नहीं दिखती थी. खबरों के साथ भेदभाव किया जाता था.



लोकार्पण समारोह में वरिष्ठ पत्रकार अमरनाथ तिवारी ने कहा कि 1970 के दशक को लेकर इस पुस्तक में चर्चा है लेकिन हालिया राजनीति और मीडिया पर भी इसमें चर्चा होने से बेहतर होता. इस अवसर पर जगजीवन राम संसदीय अध्ययन एवं शोध संस्थान के निदेशक श्रीकांत ने कहा कि डॉ लीना का यह बहुत अच्छा प्रयास है लेकिन और गंभीर प्रयास करने की आवश्यकता है. इस पुस्तक लोकार्पण के मौके पर नीरज कुमार, प्रभात सरसिज, हेमंत, संजय कुमार सहित अन्य गणमान्य लोग मौजूद थे.