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1st Bihar Published by: Updated Thu, 24 Sep 2020 12:16:48 PM IST
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DESK : कल राज्यसभा को अनिश्चित काल के लिए स्थगित करने से पहले तीन प्रमुख श्रम सुधार विधेयकों को ध्वनिमत से पारित कर दिया गया. इस मंजूरी के बाद अब प्राइवेट सेक्टर में काम कर रहे लोगों को ग्रेच्युटी लेने के लिए 5 साल की लिमिट खत्म हो गई है.
सरल शब्दों में कहें तो अब कंपनी को हर साल ग्रेच्युटी देना होगा. अभी तक जो नियम था उसके मुताबिक कर्मचारी को किसी एक कंपनी में लगातार 5 साल कार्यरत रहना जरूरी था. नए प्रावधान के अनुसार जिन लोगों को फिक्सड टर्म बेसिस पर नौकरी मिलेगी, उन्हें उतने दिन के आधार पर ग्रेच्युटी पाने का भी हक होगा. मतलब ये हुआ कि कॉन्ट्रैक्ट पर नौकरी करने वाले कर्मचारी को भी अब ग्रेच्युटी का फायदामिल सकेगा, फिर चाहे कॉन्ट्रैक्ट कितने भी दिन का हो.
ग्रेच्युटी किसी कर्मचारी को कंपनी की ओर से मिलने वाला रिवार्ड होता है. पहले ये रकम सिर्फ उन्ही लोगों को मिलता था जो नौकरी की कुछ शर्तों को पूरा करते थे. ग्रेच्युटी का भुगतान एक निर्धारित फॉर्मूले के तहत गारंटीड तौर पर किया जाता है. इसका छोटा हिस्सा कर्मचारी की सैलरी से कटता है, लेकिन बड़ा हिस्सा कंपनी की तरफ से दिया जाता है. लेकिन पहले से चली आ रही व्यवस्था के मुताबिक कोई शख्स एक कंपनी में कम से कम 5 साल तक काम कर लेने के बाद ही इसका हकदार होता था.