ब्रेकिंग न्यूज़

पटाखा फैक्ट्री में ब्लास्ट से मचा हड़कंप, 4 महिलाओं की दर्दनाक मौत, 6 की हालत गंभीर Viral Video: चलती बाइक पर रोमांस कपल को पड़ा भारी, पुलिस ने काट दिया भारी भरकम चालान; वीडियो वायरल Viral Video: चलती बाइक पर रोमांस कपल को पड़ा भारी, पुलिस ने काट दिया भारी भरकम चालान; वीडियो वायरल Bihar News: शिक्षक का शव बंद कमरे से बरामद, तलाक के बाद से बढ़ गया था अकेलापन और तनाव Bihar News: शैक्षणिक हब के रूप में विकसित होगा बिहार का यह जिला, एस.सिद्धार्थ ने बताया सरकार का प्लान मुंह में मधुमक्खी जाने से गई थी संजय कपूर की जान, जानें... ऐसी हालत में करना चाहिए कौन सा काम? Bihar News: भागलपुर-हंसडीहा फोरलेन के लिए 406 भूस्वामियों से ली जाएगी जमीन, गजट जारी Bihar Crime News: बिहार में शराब पार्टी करते 17 लोग अरेस्ट, होटल मालिक के ऊपर इनाम घोषित Bihar Crime News: बिहार में शराब पार्टी करते 17 लोग अरेस्ट, होटल मालिक के ऊपर इनाम घोषित Bihar News: बिहार में अब स्कूलों की जमीन का लेखा-जोखा रखेगा शिक्षा विभाग, शुरू की बड़ी पहल

ज्ञानपीठ पुरस्कार 2023 का एलान, गीतकार गुलजार और जगद्गुरु रामभद्राचार्य को सम्मान

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Sat, 17 Feb 2024 05:26:03 PM IST

ज्ञानपीठ पुरस्कार 2023 का एलान, गीतकार गुलजार और जगद्गुरु रामभद्राचार्य को सम्मान

- फ़ोटो

DELHI: उर्दू के मशहूर कवि और गीतकार गुलजार और संस्कृत के विद्वान जगद्गुरु रामभद्राचार्य को 58वें ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। ज्ञानपीठ चयन समिति ने शनिवार को इसका ऐलान किया है। गुलजार और जगद्गुरु रामभद्राचार्य का चयन इस इस अवार्ड के लिए किया गया है।


दरअसल, ज्ञानपीठ पुरस्कार भारतीय ज्ञानपीठ न्यास द्वारा भारतीय साहित्य के लिए दिया जाने वाला सर्वोच्च पुरस्कार है। भारत का कोई भी नागरिक जो आठवीं अनुसूची में शामिल 22 भाषाओं में से किसी भी भाषा में लिखता हो, तो वह इस पुरस्कार के योग्य है। पुरस्कार में ग्यारह लाख रुपये की धनराशि, प्रशस्तिपत्र और वाग्देवी की कांस्य प्रतिमा दी जाती है।


ज्ञानपीठ पुरस्कार 2023 के लिए जिन दोनों हस्तियों को चुना गया है वे अपने-अपने क्षेत्र में काफी मशहूर हैं। एक तरफ जहां गुलजार ने गीत लेखन के अलावा गजल और कविता के क्षेत्र में महारथ हासिल की है। वहीं, जन्म से नहीं देख पाने के बावजूद जगद्गुरु रामभद्राचार्य संस्कृत और वेद और पुराणों की विद्वान हैं। चित्रकूट में तुलसी पीठ के संस्थापक और प्रमुख रामभद्राचार्य एक मशहूर हिंदू आध्यात्मिक नेता, शिक्षक और 100 से अधिक पुस्तकों के लेखक हैं।