Bihar News: बिहार चुनाव से पहले शिवहर में भारी मात्रा में कैश बरामद, वाहन जांच के दौरान 62.80 लाख रुपये जब्त Bihar News: बिहार चुनाव से पहले शिवहर में भारी मात्रा में कैश बरामद, वाहन जांच के दौरान 62.80 लाख रुपये जब्त Bihar News: ट्रेन की एसी बोगी में बेटिकट यात्रा और TTE से रंगबाजी कर बुरी फंसी बिहार की यह महिला शिक्षक, आरपीएफ ने दर्ज किया केस Bihar News: ट्रेन की एसी बोगी में बेटिकट यात्रा और TTE से रंगबाजी कर बुरी फंसी बिहार की यह महिला शिक्षक, आरपीएफ ने दर्ज किया केस बिहार में भीषण सड़क हादसा: ट्रैक्टर और पिकअप वैन की सीधी टक्कर में चार लोगों की मौत, कई घायल Bihar Crime News: बिहार में अपराधियों का तांडव, उधार में सिगरेट नहीं देने पर दुकानदार को गोलियों से भूना Bihar Crime News: बिहार में अपराधियों का तांडव, उधार में सिगरेट नहीं देने पर दुकानदार को गोलियों से भूना Bihar News: बिहार में होमगार्ड प्रशिक्षण केन्द्र में डेढ़ दर्जन से अधिक महिला जवानों की तबीयत बिगड़ी, ट्रेनिंग सेंटर में मची अफरातफरी Bihar Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर एक्शन में चुनाव आयोग, व्यापक निगरानी और जांच अभियान में हर दिन मिल रही सफलता Bihar Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर एक्शन में चुनाव आयोग, व्यापक निगरानी और जांच अभियान में हर दिन मिल रही सफलता
1st Bihar Published by: FIRST BIHAR Updated Tue, 05 Nov 2024 02:05:52 PM IST
- फ़ोटो
PATNA: केंद्र सरकार ने पटना AIIMS के कार्यकारी निदेशक गोपाल कृष्ण पाल पर बड़ा ऐक्शन लिया है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने गोपाल कृष्ण पाल को पटना AIIMS के कार्यकारी निदेशक पद से हटा दिया है. गोपाल कृष्ण पाल पर आरोप है कि उन्होंने अपने बेटे का फर्जी सर्टिफिकेट बनवा कर बड़ी हेराफेरी की थी.
केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से जारी आदेश में गोपाल कृष्ण पाल को पटना एम्स के डायरेक्टर पद से हटाते हुए देवघर एम्स के कार्यकारी निदेशक डॉक्टर सौरभ वार्ष्णेय को पटना का प्रभार सौंपा गया है. उन्हें 3 महीने के लिए या फिर नए डायरेक्टर की नियुक्ति होने तक एम्स पटना का डायरेक्टर नियुक्त किया गया है.
गोपाल कृष्ण पाल की हेराफेरी
बता दें कि AIIMS पटना के कार्यकारी निदेशक डॉक्टर गोपाल कृष्ण पाल के बेटे डॉक्टर ऑरोप्रकाश पाल ने AIIMS गोरखपुर में MD की सीट OBC कोटे से हासिल की थी. ओबीसी आरक्षण के लिए स्पष्ट प्रावधान है कि आरक्षण का लाभ उसे ही मिल सकता है जो क्रीमी लेयर में न हो. गोपाल कृष्ण पाल खुद गोरखपुर एम्स के डायरेक्टर थे और अपने बेटे का OBC नॉन-क्रीमी लेयर सर्टिफिकेट बनवा कर अपने ही संस्थान में एडमिशन करा दिया.
इस मामले के प्रकाश में आने के बाद केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने तीन सदस्यीय कमेटी बनाई थी. इस समिति ने डॉ. पाल को दोषी ठहराया है. स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की तीन सदस्यीय जांच समिति ने अपनी जांच में डॉ. गोपाल कृष्ण पाल को अपने अधिकार और पद के दुरुपयोग का दोषी पाया है. रिपोर्ट में कहा गया था कि उन्हें तुरंत आधिकारिक जिम्मेदारियों से मुक्त कर दिया जाए. जांच कमेटी की रिपोर्ट के बाद स्वास्थ्य मंत्रालय ने डॉ. पाल को कारण बताओ नोटिस जारी किया था. पिछले महीने ही उन्हें नोटिस भेजा गया था और तीन दिनों के भीतर जवाब देने को कहा था. साथ ही उनसे पूछा गया था कि उनके खिलाफ क्यों नहीं अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू की जाए? गोपाल कृष्ण पाल संतोषजनक जवाब नहीं दे पाये. ऐसे में केंद्र सरकार ने उनके खिलाफ कार्रवाई की है.