I.N.D.I.A ने ली है सनातम धर्म को मिटाने की सुपारी, बोले सुशील मोदी ... नीतीश को मर्जी तो बोलें 'इंडिया माता की जय', राहुल भी करें इंडिया जोड़ों यात्रा

I.N.D.I.A ने ली है सनातम धर्म को मिटाने की सुपारी, बोले सुशील मोदी ... नीतीश को मर्जी तो बोलें 'इंडिया माता की जय', राहुल भी करें इंडिया जोड़ों यात्रा

PATNA : विपक्ष वाले भारत की जगह इंडिया माता जय बोलकर दिखाएं। इंडिया माता की जय तो कोई नहीं बोलेगा हर कोई भारत माता की जय ही बोलता है। जन- गण- मन के अंदर भी भारत भाग्य विधाता आया है। इंडिया भाग्य विधाता नहीं आया है। यह बातें भाजपा के राज्यसभा सांसद और बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा है।


दरअसल देश के अंदर g20 सम्मेलन में निमंत्रण भोज को लेकर जो पत्र जारी किया गया है उसमें प्रेसिडेंट ऑफ भारत लिखा गया है जिसके बाद अब इसको लेकर राजनीतिक सरगर्मी में बढ़ गई है। ऐसे में अब इस मामले को लेकर भाजपा के राज्यसभा सांसद सुशील मोदी ने अपने प्रतिक्रिया दर्ज कराई है। सुशील मोदी ने कहा कि - यह भी सनातन धर्म और हिंदू संस्कृति के विरोध की गहरी राजनीति का हिस्सा है। I.N.D.I.A के लोग सनातन धर्म और सभ्यता-संस्कृति को मिटाने की सुपारी लिए हुए पटना से मुंबई तक व्याकुल घूम रहे हैं। हम भारत माता की जय बोलते हैं। विपक्ष अगर इंडिया माता की जय बोलना चाहता है, तो उन्हें कौन रोक रहा है।


सुशील मोदी ने कहा कि - हमें विपक्षी दलों के नाम से हमको कहां आपत्ति हुई है। आप इंडिया रखिए न।हम तो कह रहे हैं कि आपका इंडिया गठबंधन जो है वो इंडिया माता की जय का लगाए नारा। तो समझ में आएगा। हमको उससे क्या समस्या हो सकती है नीतीश कुमार और ललन सिंह को इंडिया माता की जय बोलना है तो बोलें। लेकिन हकीकत तो यह है कि इनको ना इंडिया बोलना है ना भारत बोलना है बल्कि मोदी जी जो कम कर रहे हैं उसका विरोध करना है।


सुशील मोदी ने कहा कि भारत के संविधान में इंडिया डेट इस भारत लिखा है। जिनको लगता है कि इंडिया प्रयोग करें और जिनको लगता है कि भारत प्रयोग करें वह अपने स्तर से  स्वतंत्र है। ऐसी बात तो नहीं है कि आप यदि आप इंडिया का उपयोग करते हैं तो आप देशद्रोही हो गए या भारत का प्रयोग करते हैं तो देशद्रोही कहे जाएंगे। अगर इतना ही आपको करना था तो फिर भारत जोड़ो यात्रा क्यों शुरू किया इंडिया जोड़ो यात्रा शुरू करते हैं। अभी तो आप भारत जोड़ने की बात कर रहे हैं क्यों नहीं इंडिया जोड़ने की बात कहते हैं।