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1st Bihar Published by: SAURABH Updated Wed, 29 Jan 2020 02:33:44 PM IST
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SITAMARHI: सीतामढ़ी में सीएए-एनआरसी के खिलाफ बुलाए बंद में मानवता तार-तार होती दिखी। एबुलेंस के अंदर गर्भवती तड़पती रही इधर बंद समर्थक एंबुलेंस को जलाने की बात करते रहें। परिजनों के लाख मिन्नत के बावजूद भी बंद समर्थकों ने एंबुलेंस को वहां से आगे नहीं बढ़ने दिया।
सीतामढ़ी के बाजपट्टी थाना क्षेत्र के हरपुरवा नेशनल हाईवे को एनआरसी और सीएए के विरोध में लोगों ने जाम कर रखा था। इसी बीच दर्द से कराहती कोख में 9 महीने के बच्चा लिए महिला एंबुलेंस से जब हरपुरवा के पास पहुंची तो लोगों ने उस एंबुलेंस को आगे नहीं जाने दिया और इन लोगो ने हद तो तब कर दी जब एंबुलेंस को वापस नहीं करने पर जला देने की बात भी कहने लगे। इस दौरान महिला के परिजन बंद समर्थकों से आगे जाने देने की गुहार लगाते रहे लेकिन बंद समर्थक गुंडों ने एक न मानी। एंबुलेंस को वहीं से वापस कर दिया गया।
मौके पर मौजूद फर्स्ट बिहार झारखंड के संवाददाता कुमार सौरभ ने उसी क्षण बाजपट्टी थाना प्रभारी को अपने मोबाइल नंबर से संपर्क कर इसकी सूचना भी दी। संवाददाता ने बंद समर्थकों और थाना प्रभारी को नियमों का हवाला भी दिया। उन्होनें बताया कि जाम कर प्रदर्शन कर रहे हैं ठीक है लेकिन एंबुलेंस का किसी भी सड़क जाम या प्रदर्शन वाले इलाकों में नहीं रोका जाता है एक और जहां सरकार की ओर से एंबुलेंस को रोकने तथा रास्ता नहीं देने को लेकर ₹10000 की फाइन की घोषणा की गई है और जेल भी भेजने का प्रावधान किया गया है। लेकिन पुलिस इतने पर भी एक्शन में नहीं दिखी।
बाजपट्टी थाना के हरपुरवा में बंद समर्थक सभी नियम-कानून की धज्जियां उड़ाते दिखे। बंद समर्थकों ने बेशर्मी सारी हदें हद पार करते हुए एंबुलेंस को वापस भेज दिया। एम्बुलेंस में उषा देवी नाम की एक गर्भवती महिला थी जिसका हिमोग्लोबिन सिर्फ 7फीसदी था और उसकी हालत गंभीर बतायी जा रही थी। महिला को आनन-फानन में पुपरी पीएचसी से सीतामढ़ी सदर अस्पताल के लिए रेफर किया गया था ताकि सदर हॉस्पिटल में महिला की सुरक्षित डिलीवरी हो सके।