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1st Bihar Published by: Updated Fri, 02 Oct 2020 01:22:22 PM IST
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DESK : नवरात्रि का शुभ त्योहार इस वर्ष 17 अक्टूबर से शुरू होने वाला है. हिंदी पंचांग के अनुसार यूं तो भाद्रपद के बाद शारदीय नवरात्रि का पर्व मनाया जाता है लेकिन इस साल अधिकमास होने के कारण इसे एक महीने बाद मनाया जा रहा है.
हिन्दू धर्म में नवरात्रि का पर्व बहुत ही विशेष माना गया है. नवरात्रि के नौ दिनों में मां के अलग अगल स्वरूपों की पूजा अर्चना की जाती है. भक्त नवरात्रि का व्रत रखकर मां की उपासना करते हैं और उनकी विशेष कृपा पाते है.
ऐसी मान्यता है कि हर साल नवरात्री पर मां का पृथ्वी पर आगमन एक विशेष सवारी पर होता है. कहा जाता है कि माता की सवारी आने वाले वक़्त यानि भविष्य को दर्शाता है. इस सवारी का एक विशेष संदेश और संकेत होता है. नवरात्रि में मां दुर्गा पालकी, नाव, हाथी या घोड़े की सवारी पर सवार होकर कैलाश पर्वत से पृथ्वी भ्रमण पर निकलती हैं.
इस वर्ष शारदीय नवरात्रि पर मां अश्व पर सवार हो कर आ रही हैं. पंचांग के अनुसार 17 अक्टूबर को आश्विन मास की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि है. इस दिन चंद्रमा तुला राशि और सूर्य कन्या राशि में विराजमान रहने वाला है. ज्योतिष शास्त्र में घोड़ा तेज गति का सूचक माना गया है. घोड़े पर जब मां दुर्गा सवार होकर आती हैं तो ऐसा माना जाता कि यह राजनीति और सीमा पर उथल पुथल की तरफ संकेत करता है. मां व्यक्ति के आचरण के अनुसार शुभ अशुभ फल प्रदान करती हैं.