मोतिहारी में चिकन पार्टी के बहाने युवक की हत्या, नेपाल से दो आरोपी गिरफ्तार मुंगेर में चुनाव से पहले अवैध मिनी गन फैक्ट्री का भंडाफोड़, 15 निर्मित और 8 अर्धनिर्मित पिस्टल के साथ दो गिरफ्तार जमुई में हाई-वोल्टेज ड्रामा: 80 दिन से फरार पति प्रेमिका संग घर लौटा, पहली पत्नी ने थाने में दर्ज करायी शिकायत BIHAR NEWS : रुपए के लेन-देन में महिला के सिर में मारी गोली, शव को सड़क किनारे खेत में फेंका BIHAR NEWS : सुपौल में नदी में नहाते समय किशोरी की दर्दनाक मौत, मातम का माहौल Bihar Assembly Elections : मांझी का सीट हुआ लॉक,फाइनल कर वापस लौट रहे पटना ;जल्द जारी होगा कैंडिडेट का नाम Bihar Politics OTT Series: 'बिहार से हैं क्रोमोसोम में राजनीति हैं ...', जानिए बिहार की पॉलिटिक्स को समझने के लिए क्यों देखना चाहिए यह सीरीज; क्या है खास BIHAR ELECTION : 20 रुपए में एक रसगुल्ला तो पुड़ी-सब्जी के लिए 30 रुपए हुआ तय; चुनाव आयोग ने तय कर रखा है प्रत्याशियों के खर्च की दरें Diwali 2025: दूर कर लें कंफ्यूजन! 20 या 21 अक्टूबर कब है दीपावली? जानें शुभ मुहूर्त और पूजा का सही समय Bihar news: बिहार विधान परिषद में नौकरी करने का सुनहरा मौका, निकली इतने पदों पर भर्ती; जानिए कैसे करें आवेदन
1st Bihar Published by: First Bihar Updated Mon, 08 Apr 2024 08:54:45 PM IST
- फ़ोटो
PATNA: शादी से पहले या शादी के बाद अगर कोई व्यक्ति पत्नी या ससुराल वालों से पैसे की मांग करता है तो वह दहेज की श्रेणी में आता है. दहेज की मांग करने वालों के लिए कानून में सजा का प्रावधान है. लेकिन पटना हाईकोर्ट ने दहेज से जुड़े एक मामले में अहम फैसला सुनाया.
पटना हाई कोर्ट ने अपने महत्वपूर्ण फैसले में कहा है कि यदि पति अपने नवजात बच्चे के पालन-पोषण और भरण-पोषण के लिए पत्नी के पैतृक घर से पैसे की मांग करता है, तो ऐसी मांग दहेज निषेध अधिनियम-1961 के अनुसार दहेज की परिभाषा के दायरे में नहीं आती है.
पटना हाईकोर्ट के जस्टिस बिबेक चौधरी की बेंच नरेश पंडित नामक व्यक्ति की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करने के बाद ये फैसला सुनाया. याचिकाकर्ता नरेश पंडित को निचली अदालत ने दहेज निषेध अधिनियम 1961 की धारा चार और आइपीसी की धारा 498ए के तहत दोषी माना था और उसे सजा सुनायी थी. नरेश पंडित ने निचली अदालत के फैसले को हाई कोर्ट में चुनौती दी थी.
बच्चे के भरण-पोषण के लिए मांगा था पैसा
नरेश पंडित की शादी सृजन देवी नाम की महिला के साथ 1994 में हिंदू रीति-रिवाजों से हुआ था. शादी के उन्हें तीन बच्चे हुए- दो लड़के और एक लड़की. सबसे छोटी लड़की थी, जिसका साल 2001 में हुआ था. 2004 में सृजन देवी ने अपने पति नरेश पंडित के खिलाफ केस दर्ज कराया था. इसमें आरोप लगाया गया था कि बेटी के जन्म के तीन साल बाद नरेश पंडित और उसके रिश्तेदारों ने लड़की की देखभाल और भरण-पोषण के लिए सृजन देवी के पिता से 10 हजार रुपये की मांग की थी. यह भी आरोप लगाया गया कि नरेश पंडित और उसके पारिवार के सदस्यों ने 10 हजार नहीं मिलने पर पत्नी को प्रताड़ित किया.
हाईकोर्ट में पति नरेश पंडित के वकील ने दलील दी कि पति और परिवार के दूसरे आरोपी व्यक्तियों के खिलाफ पत्नी की ओर से लगाए गए आरोप सामान्य और सर्वव्यापी प्रकृति के हैं और इसलिए उनकी सजा का आदेश रद्द किया जाना चाहिए. याचिकाकर्ता के वकील की दलीलों को सुनने के बाद हाई कोर्ट की बेंच ने निचली अदालत के दोषसिद्धि और सजा के फैसले को रद कर दिया और पुनरीक्षण याचिका को स्वीकार कर लिया.