ब्रेकिंग न्यूज़

Dularchand Yadav murder : मोकामा में रिजल्ट आने तक नहीं मिलेगी कोई ढील, दुलारचंद को लगी गोली का खोखा अब तक नहीं हुआ बरामद; SP को मिला यह निर्देश Bihar Elections 2025: दांव पर कई दिजज्जों की साख, इन तीन सीटों पर सबसे बड़ा महादंगल ; जानिए कौन -कौन हैं मैदान में Indian Railways : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को दी चार नई वंदे भारत ट्रेनों की सौगात, विकास और आत्मनिर्भर भारत की ओर बड़ा कदम Bihar News: बिहार के यात्रियों के लिए रेलवे की विशेष व्यवस्था, अब दर्जनों ट्रेनों में मिलेगी यह महत्वपूर्ण सुविधा Bihar Election 2025: पहले चरण की बंपर वोटिंग के बाद BJP पर संकट! मोदी के करीबी मंत्री ने कर दिया क्लियर, कौन होगा CM? Bihar Election 2025 : बिहार चुनाव में बदल गया पहले फेज का वोटिंग परसेंटेज, ECI ने दिया नया डेटा; जानिए क्या है नया आकड़ा Bihar News: बिहार के इस स्टेशन पर यात्रियों की भारी भीड़, रेलवे ने की होल्डिंग एरिया की व्यवस्था Bihar News: बिहार के मजदूर की मौत के बाद बवाल, पुलिस ने 5 लोगों को दबोचा Bihar Elections 2025 : दूसरे चरण में सीमांचल से शाहाबाद तक एनडीए की अग्निपरीक्षा, 26 सीटों पर पिछली बार एक भी जीत नहीं मिली थी Success Story: कौन हैं IPS अजय कुमार? जिन्हें डिप्टी CM ने डरपोक, कायर और निकम्मा कहा, जानिए पूरी कहानी

जातीय गणना मामले में आज सुप्रीम कोर्ट में होगी सुनवाई, पटना HC के फैसले को दी गई है चुनौती

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Wed, 06 Sep 2023 09:47:16 AM IST

जातीय गणना मामले में आज सुप्रीम कोर्ट में होगी सुनवाई, पटना HC के फैसले को दी गई है चुनौती

- फ़ोटो

DELHI : सुप्रीम कोर्ट में बिहार में जाति आधारित सर्वेक्षण को चुनौती देने वाली दायर याचिका पर आज यानि बुधवार को सुनवाई करेगा। इसको लेकर सुप्रीम कोर्ट के वेबसाइट पर प्रकाशित की गई बात सूची में जानकारी दी गई है।


दरअसल, बिहार में चल रहे जाति आधारित सर्वेक्षण को लेकर देश के सर्वोच्च न्यायालय में एक याचिका आधार किया गया था जिसमें कहा गया था कि सुप्रीम कोर्ट इस मामले में हस्तक्षेप कर जनगणना के रिपोर्ट सार्वजनिक रूप से प्रकाशित करने पर रोक लगाए। इसके बाद अब इस मामले में अगली सुनवाई की तारीख आज यानी 6 सितंबर को तय की गई थी। इस मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और एसबीएन भट्टी की पीठ में चल रही है।


मालूम हो कि इससे पहले केंद्र सरकार ने पिछले हफ्ते सुप्रीम कोर्ट में दायर अपना हलफनामा वापस ले लिया था जिसमें कहा गया था की जनगणना जैसी प्रक्रिया करने का हकदार केंद्र के अलावा कोई नहीं है। केंद्रीय गृह मंत्री के मंत्रालय में रजिस्ट्रार जनरल के कार्यालय द्वारा दायर हलफनामा को यह कहते हुए वापस ले लिया गया कि - "संविधान के तहत या अन्यथा ( केंद्र को छोड़कर) कोई अन्य निकाय जनगणना या जनगणना के समान कोई कार्रवाई करने का हकदार नहीं है।" पिछले सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को अपना जवाब दाखिल करने के लिए एक सप्ताह से अधिक की अनुमति दी थी जब केंद्र की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार महतो ने कहा था कि वह संवैधानिक और कानूनी स्थिति को रिकॉर्ड पर रखना चाहते हैं।


शीर्ष अदालत के समक्ष याचिकाकर्ताओं ने दलील दी थी कि- सर्वेक्षण प्रक्रिया गोपनीयता कानून का उल्लंघन करती है और केवल केंद्र सरकार के पास भारत में जनगणना करने का अधिकार है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के पास जाति आधारित जनगणना के संचालन पर निर्णय लेने और उसे अधिसूचित करने का कोई अधिकार नहीं है।


आपको बताते चलें कि, नीतीश कुमार की नेतृत्व वाली राज्य सरकार ने कहा है कि बिहार में जाति आधारित सर्वेक्षण पूरा हो गया है और परिणाम जल्द ही सार्वजनिक हो जाएगा। राज्य जाति सर्वेक्षण प्रक्रिया में ट्रांसजेंडर समुदाय को 'लिंग' की श्रेणी के बजाय 'जाति' के रूप में वर्गीकृत करने के बिहार सरकार के फैसले को चुनौती देते हुए शीर्ष अदालत के समक्ष एक और याचिका दायर की गई है।