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1st Bihar Published by: Updated Fri, 03 Sep 2021 07:25:37 AM IST
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PATNA : राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने इंची टेप से नाप कर नीतीश कुमार की पोल खोल दी है. बिहार सरकार कैसे तीसरे नंबर की पार्टी के लिए मेहरबान है. किस तरीके से सरकारी संपत्ति को नीतीश कुमार की पार्टी की जागीर बना दी गयी है. दरअसल जगता बाबू ने पहले तो सरकार से गुहार लगायी थी कि वह सूबे की सबसे बडी पार्टी के साथ न्याय करे लेकिन उनकी गुहार पर कोई सुनवाई नहीं हुई तो उन्होंने पूरी खोल दी है.
जगदानंद ने क्यों खोली पोल
दरअसल विधायकों और विधानसभा चुनाव के वोट के लिहाज से बिहार में सबसे बड़ी पार्टी राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह इसलिए नाराज हैं क्योंकि सरकार उनके बाजिव मांग को भी रिजेक्ट कर दे रही है. जगदानंद सिंह की पार्टी राजद को बिहार की दूसरी मान्यता प्राप्त पार्टियों की तरह सरकार ने ऑफिस के लिए जगह दे रखा है. लेकिन हालत ये है कि नीतीश कुमार की पार्टी महल में रह रही है तो जगदानंद की पार्टी झोपडी में. जगदानंद ने अपनी पार्टी के दफ्तर के लिए थोडी और जगह मांगी थी. लेकिन सरकार ने उसे खारिज कर दिया. लिहाजा उन्होंने सारी पोल खोल दी है.
इंची-टेप ने नाप कर खोली पोल
राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने नीतीश कुमार को एक लंबा पत्र लिखा है. पत्र में पूरे विस्तार से जेडीयू के लिए सरकारी संपत्ति को कुर्बान करने की कहानी बतायी है. पत्र में कहा गया है कि सूबे में तीन बड़ी पार्टियां हैं. सरकार ने तीनों पार्टियों को ऑफिस दिया है जो वीरचंद पटेल रोड में अगल बगल में ही है. लेकिन तीनों पार्टियों के ऑफिस के लिए जमीन के आवंटन में सरकार ने भारी बेइमानी कर दी. जगदानंद ने अपने पत्र में कहा है कि बिहार विधानसभा में RJD के 75, BJP के 74 और JDU के 43 विधायक हैं. इस लिहाज से राजद पहले, बीजेपी दूसरे और जेडीयू तीसरे नंबर की पार्टी है. लेकिन जेडीयू के लिए सरकार ने अंत कर दिया.
नीतीश सरकार का कारनामा जानिये
जगदानंद सिंह के पत्र के मुताबिक बिहार सरकार ने जेडीयू को अपने ऑफिस के लिए 66000 वर्ग फीट जमीन दे दिया है. पटना के हिसाब से ये लगभग ढाई बीघा जमीन है. सरकार में शामिल पार्टी BJP को ऑफिस के लिए 52000 वर्ग फीट जमीन दी गयी है. यानि लगभग दो बीघा जमीन. लेकिन इसी सरकार ने विधानसभा में सबसे बड़ी पार्टी राजद को पार्टी ऑफिस चलाने के लिए सिर्फ 19842 वर्ग फीट जमीन दी है. सामान्य बोलचाल की भाषा में समझिये तो राजद ऑफिस का रकबा लगभग 15 कट्ठा का है. एक बीघा भी नहीं.
जानिये कैसे जेडीयू के लिए सरकारी संपत्ति कुर्बान हुई
जगदानंद सिंह ने अपने पत्र में कई बातों का खुलासा किया है. उन्होंने लिखा है बिहार सरकार ने पहले जेडीयू को कार्यालय के लिए जो भवन दिया था उसका लगातार विस्तार होता गया. सरकार ने जेडीयू ऑफिस के लिए विधायकों का फ्लैट तुडवा कर जमीन दे दिया. जेडीयू ऑफिस के विस्तार के लिए ऐसी जमीन दी गयी जिस पर विधायकों के 24 फ्लैट बने हुए थे. विधायकों के सभी फ्लैटों को तोड़कर जेडीयू को जमीन दे दी गयी. फिर सरकारी खजाने से करोड़ों रुपए से ज्यादा खर्च कर शानदार सभागार भी बना दिया गया. जेडीयू ऑफिस के पास के एक सरकारी सड़क भी गुजरती थी. उस रोड को भी बंद कर जमीन को जेडीयू को दे दिया गया. पहले मिलर स्कूल औऱ जेडीयू ऑफिस के बीच एक सड़क हुआ करती थी. अब जेडीयू का ऑफिस मिलर स्कूल की चाहरदीवारी से सटा हुआ है. यानि नीतीश की पार्टी ने सड़क तक को निगल लिया. जगदानंद सिंह ने कहा है कि बिहार के लोगों के पैसे से जेडीयू के लिए दो मंजिला बिल्डिंग भी बनाया जा रहा है.
क्यों खोली नीतीश की पोल
अब आपके दिमाग में ये भी सवाल उठ रहा होगा कि जगदानंद सिंह को नीतीश कुमार की पोल खोलने की जरूरत क्या आ पड़ी. दरअसल राजद को छोटे ऑफिस के कारण अपनी पार्टी का कामकाज चलाने में परेशानी हो रही है. पार्टी ने मजबूरन अपने महिला विंग के ऑफिस में मीटिंग कक्ष बनाया है. अपने दफ्तर में सही से काम करने के लिए जगदानंद सिंह ने सरकार से पहले ही गुहार लगायी थी. इस साल मार्च में ही उन्होंने बिहार सरकार के भवन निर्माण विभाग को पत्र लिखकर राजद ऑफिस के बगल के एक खाली कैंपस की मांग की थी. लेकिन भवन निर्माण विभाग ने उसे रिजेक्ट कर दिया.
इसके बाद जगदानंद सिंह ने नीतीश कुमार को पत्र लिखा है. उन्होंने कहा है कि मुख्यमंत्री न्याय के सिद्धांत का पालन करें और राजद ऑफिस के लिए जगह दे. जगदानंद सिंह ने इसके लिए रास्ता भी सुझाया है. उन्होंने अपने पत्र में लिखा है कि राजद कार्यालय के बगल में एक खाली प्लॉट है. ये राजद ऑफिस की दीवार से उत्तर दिशा में लगा है. अगर यह जमीन राजद को दे दी जाती है तो पार्टी को अपने कामकाज में सुविधा होगी. इंची टेप लेकर बैठे जगदानंद सिंह ने पूरी मापी दी है. उन्होंने लिखा है कि राजद कार्यालय के बगल की जमीन 13797 वर्ग फीट है. उसे पार्टी को दे दिया जाये. सरकार अगर इस जमीन को राजद को दे देती है तब भी उनकी पार्टी के पास सिर्फ 33642 वर्ग फीट जमीन होगी. इस जमीन को राजद को देने के बाद भी जेडीयू के पास राजद से दो गुणा ज्यादा जगह होगी और बीजेपी के पास 33 फीसदी ज्यादा जगह होगी.
बगल वाली जमीन हाईकोर्ट पुल की है
जानकारी है कि भवन निर्माण विभाग पहले ही कह चुका है कि राजद कार्यालय के बगल वाली जमीन इसलिए नहीं दी जा सकती कि वह हाईकोर्ट पुल की जमीन है। अब RJD के प्रदेश अध्यक्ष को नीतीश कुमार से 'न्याय के सिद्धांत' की उम्मीद है।