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1st Bihar Published by: Updated Sun, 29 Dec 2019 02:20:05 PM IST
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BETIAH: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज अपनी “मन की बात” में बिहार के पश्चिम चंपारण जिले के एक हेल्थ सेंटर का जिक्र किया. पश्चिम चंपारण के भैरोगंज में अवस्थित इस अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में आखिरकार क्या खूबी है कि खुद प्रधानमंत्री इसकी तारीफ कर रहे हैं. आइये हम आपको बताते हैं कि क्या है भैरोगंज अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की खूबियां.
सालों भर 24 घंटे खुला रहा रहता है भैरोगंज का हेल्थ सेंटर
बिहार देश में स्वास्थ्य सुविधायों के मामले में सबसे फिसड्डी राज्य माना जाता है. ग्रामीण अस्पतालों की कौन कहे बड़े सरकारी अस्पतालों में भी मरीजों के साथ भेड़ बकरियों से भी बदतर सलूक किया जाता है. लेकिन भैरोगंज का ग्रामीण APHC यानि अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र अपने सीमित संसाधनों में ग्रामीणों को जो सुविधा दे रहा है वो काबिले तारीफ है. ये हेल्थ सेंटर सालो भर 24 घंटे खुला रहता है. यानि जब भी किसी को जरूरत हुई वो अस्पताल में आ सकता है. इस अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में इन दिनों हर महीने एक हजार से ज्यादा ग्रामीण मुफ्त स्वास्थ्य जांच कराने आते हैं. गर्मी के मौसम में तीन हजार से ज्यादा ग्रामीण यहां चिकित्सा सुविधा लेने पहुंचते हैं. इसके अलावा हेल्थ सेंटर अक्सर स्पेशल मेडिकल चेकअप कैंप भी लगाता है. इसी महीने 8 दिसंबर को जब स्पेशल कैंप लगा तो उसमें एक हजार से ज्यादा ग्रामीण पहुंचे.
सीमित संसाधनों में खास काम कर रहा भैरोगंज हेल्थ सेंटर
इस हेल्थ सेंटर में दो डॉक्टर तैनात हैं और शायद ही कभी ऐसा होता है कि डॉक्टर ड्यूटी पर नहीं होते. डॉ के के शुक्ला और डॉ फैजुल्लाह य़हां तैनात हैं और हर रोज दोनों समय से हेल्थ सेंटर में मौजूद रहते हैं. डॉ केके शुक्ला के मुताबिक अस्पताल में न सिर्फ ओपीडी की सुविधा है बल्कि डिलेवरी भी करायी जाती है. हेल्थ सेंटर के पास अपना लैब है जहां कई तरह के जांच होते हैं. जो टेस्ट यहां नहीं हो सकते उसके लिए बड़े अस्पतालों में केस रेफर किया जाता है.
हेल्थ सेंटर के डॉक्टर के मुताबिक यहां टीबी के मरीजों का भी इलाज होता है. साल में दो दफे आंखों की जांच के लिए भी कैंप लगाया जाता है. समय-समय पर कैंप लगाकर कॉपर्टी और टीकाकरण भी किया जाता है। अस्पताल में दो डॉक्टर के अलावा ए ग्रेड की दो नर्सें, एक लैब टेक्निशियन, एक क्लर्क, एक फोर्थ ग्रेड कर्मचारी, एक डाटा ऑपरेटर और एनजीओ की तरफ से दो गार्ड कार्यरत हैं.
ग्रामीणों ने खुद बनावाया था हेल्थ सेंटर
भैरोगंज अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र को लगभग 50 साल पहले ग्रामीणों ने खुद बनवाया था. चनऊ समाज के लोगों ने जमीन दान दे कर अस्पताल खुलवाया था. हालांकि 1985 में इसे सरकार ने अपने अधीन ले लिया. इसके बाद यहां सरकारी डॉक्टरों और कर्मचारिय़ों की तैनाती की गयी.