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‘जातीय गणना के आंकड़ों पर लोगों को संदेह.. समीक्षा कराएं नीतीश’ बिहार सरकार से सुशील मोदी की मांग

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Fri, 06 Oct 2023 07:16:22 PM IST

‘जातीय गणना के आंकड़ों पर लोगों को संदेह.. समीक्षा कराएं नीतीश’ बिहार सरकार से सुशील मोदी की मांग

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PATNA: बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम और बीजेपी के राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने कहा है कि बिहार में जातीय गणना की रिपोर्ट सार्वजनिक होने के बाद सत्ता से जुड़ी चुनिंदा जातियों को छोड़ कर लगभग सभी जातियों के लोग ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं। 


सुशील मोदी ने कहा कि पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा और जदयू के एक सांसद सहित अनेक लोग जब सर्वे के आंकड़ों को विश्वसनीय नहीं मान रहे हैं, तब सर्वे प्रक्रिया की समीक्षा करायी जानी चाहिए। बिहार में जातीय गणना कराने के सरकार के नीतिगत निर्णय पर हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट की मुहर लगने के बाद अब कानूनी रूप से सर्वे को लेकर कोई कानूनी मुद्दा नहीं है।  


उन्होंने कहा कि दूसरी तरफ सर्वे की विश्वसनीयता जनता का मुद्दा बन गया है। ऐसी शिकायतें मिल रही हैं कि  प्रगणकों ने अनेक इलाकों के आंकड़े घर बैठे तैयार कर लिए। वैश्य, निषाद जैसी कुछ जातियों के आंकड़े 8-10 उपजातियों में तोड़ कर दिखाये गए, ताकि उन्हें अपनी राजनीतिक ताकत का एहसास नहीं हो। यह किसके इशारे पर हुआ ?


सुशील मोदी ने कहा कि राज्य में वैश्य समाज की आबादी 9.5 फीसद से अधिक है, लेकिन यह सर्वे में दर्ज नहीं हुआ। जिस जाति-धर्म के लोग वर्तमान सत्ता के साथ हैं, उनकी संख्या को बढ़ा-चढ़ा कर दिखाने के लिए उपजातियों के आंकड़े छिपाये गए। जातीय सर्वे पर जो सवाल उठ रहे हैं, उनका उत्तर राज्य सरकार को देना चाहिए, पार्टी प्रवक्ताओं को नहीं।